अमर्त्य सेन, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री और दार्शनिक! जीवन परिचय और उपलब्धियां Amartya Sen Biography
अमर्त्य सेन भारत के गौरव हैं। वे एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और दार्शनिक हैं, जिन्हें 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आइए, उनके जीवन और कार्यों पर एक नज़र डालें:
📂 जीवनी | ✍️ Amit Kumar | 🕒 Last Updated: Jul 22, 2024


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवंबर, 1933 को कोलकाता में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शांतिनिकेतन में हुई, जो रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित एक प्रगतिशील शिक्षा संस्थान था। बाद में उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।
शिक्षाविद के रूप में कैरियर
अमर्त्य सेन ने जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। उन्होंने अतिथि व्याख्याता के रूप में एमआईटी, स्टैनफोर्ड, कॉर्नेल और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में भी पढ़ाया है।
अर्थशास्त्र में योगदान
अमर्त्य सेन कल्याणकारी अर्थशास्त्र (Welfare Economics) के क्षेत्र में अग्रणी विद्वान माने जाते हैं। उन्होंने गरीबी, अकाल, असमानता, विकास और सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण शोध कार्य किया है। उन्होंने तर्क दिया कि अर्थशास्त्र का लक्ष्य केवल आर्थिक विकास को मापना नहीं होना चाहिए, बल्कि लोगों के जीवन की गुणवत्ता और उनकी स्वतंत्रता को भी ध्यान में रखना चाहिए। उनकी पुस्तक "डवलपमेंट एज फ्रीडम" (Development as Freedom) इसी अवधारणा पर आधारित है।
सामाजिक पसंद सिद्धांत