डायोजनीज़, सिनिसिज़्म (Cynicism) नामक दार्शनिक विचारधारा के प्रमुख प्रवर्तक माने जाते हैं, जिसने सुख-समृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा को त्यागने और साधारण जीवन जीने पर बल दिया।

डायोजनीज़ का प्रारंभिक जीवन

डायोजनीज़ का जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता एक सिक्का बनाने वाले थे, लेकिन डायोजनीज़ के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्हें एक घोटाले के कारण सिनोप से निर्वासित कर दिया गया। इसके बाद वे एथेंस चले गए, जहां उन्होंने प्रसिद्ध दार्शनिक एंटिसथेनिज़ (Antisthenes) के शिष्य बने। एंटिसथेनिज़ का विचारधारा समाज के पारंपरिक मानदंडों और मूल्यों को खारिज करने पर आधारित थी और यही विचारधारा डायोजनीज़ के जीवन का आधार बनी।