महावीर स्वामी का जीवन परिचय! प्रसिद्ध उपदेश, महत्वपूर्ण पाठ, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महावीर स्वामी की अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह जैसी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी पहले थीं। ये सामाजिक सद्भाव, शांति और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती हैं, जो आज के समय की सबसे बड़ी जरूरतों में से हैं।
जीवनी
By
Akash Jyoti
Last Update
Jul 25, 2024
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महावीर स्वामी: जन्म और प्रारंभिक जीवन
- महावीर स्वामी का जन्म ईसा पूर्व 540 या 542 में हुआ था।
- जैन धर्म के ग्रंथों के अनुसार, उनका जन्म क्षत्रिय कुल में कुंदग्राम (वर्तमान बिहार में वैशाली के समीप) में हुआ था। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला था।
- जन्म के समय 14 शुभ स्वप्न देखने के कारण उनका नाम वर्धमान रखा गया था। बाद में उन्हें महावीर (महान वीर) की उपाधि मिली।
- महावीर स्वामी बचपन से ही बहुत ही संवेदनशील और अध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। उन्हें हिंसा और सांसारिक सुखों में कोई रुचि नहीं थी।
दीक्षा और कठोर तपस्या
- 28 वर्ष की आयु में अपने माता-पिता के देहांत के बाद, वर्धमान ने वैराग्य जीवन अपनाने का फैसला किया। उन्होंने अपना राजसी जीवन त्याग दिया और दिगंबर जैन संत बनने के लिए दीक्षा ली।
- अगले 12 वर्षों तक उन्होंने कठोर तपस्या की। वे नग्न अवस्था में रहते थे, कम से कम खाते थे और कठिन शारीरिक दंड सहते थे। उन्होंने मोक्ष प्राप्ति के लिए आत्म मंथन और गहन ध्यान का अभ्यास किया।
केवल ज्ञान की प्राप्ति

