महर्षि पतंजलि: एक संक्षिप्त परिचय

भारतीय दर्शन और आध्यात्मिक परंपरा में योग का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। योग के माध्यम से हम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर स्वयं को विकसित कर सकते हैं। इस योग विज्ञान के प्रणेता महर्षि पतंजलि का नाम सदियों से आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके द्वारा रचित योगसूत्र योग के सिद्धांतों और अभ्यासों का एक संग्रह है, जो आज भी लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है।

महर्षि पतंजलि के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, लेकिन उनकी शिक्षाएं और योगदान अद्वितीय हैं। उन्हें योग दर्शन के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने योगसूत्र नामक ग्रंथ की रचना की, जिसमें योग के आठ अंगों (अष्टांग योग) का विस्तृत वर्णन किया गया है।