शेरशाह सूरी: अदम्य साहस और कुशल प्रशासक! जीवन परिचय और उपलब्धियां
शेरशाह सूरी भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण शासक थे, जिन्होंने 1540 से 1545 ईस्वी तक उत्तर भारत पर शासन किया। उनका मूल नाम फरीद खान था, लेकिन युद्ध में शेर को अकेले मारने के कारण उन्हें शेरशाह की उपाधि मिली।
जीवनी
By
Akash Jyoti
Last Update
Dec 14, 2024
Share
शेरशाह सूरी: प्रारंभिक जीवन और उदय
- जन्म: शेरशाह का जन्म 1486 ईस्वी में बिहार के सासाराम में हुआ था। उनके पिता हसन खान सूरी एक जमींदार थे।
- प्रारंभिक कैरियर: युवावस्था में शेरशाह जौनपुर दरबार से जुड़े और वहां प्रशासनिक कार्यों का अनुभव प्राप्त किया। बाद में वह बंगाल के सुल्तान के अधीन भी रहे।
- बाबर के आगमन से संघर्ष: 1526 ईस्वी में जब मुगल सम्राट बाबर ने भारत पर आक्रमण किया, तब शेरशाह ने उनका विरोध किया। हालांकि, कन्नौज की लड़ाई में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मुगलों के खिलाफ विद्रोह
- स्वतंत्रता की महत्वाकांक्षा: बाबर की मृत्यु के बाद शेरशाह ने मुगल साम्राज्य के कमजोर होने का फायदा उठाया और बंगाल तथा बिहार जैसे क्षेत्रों पर अपना अधिकार जमा लिया।
- चुनार का युद्ध: 1539 ईस्वी में उन्होंने हुमायूं को चुनार के युद्ध में पराजित किया और मुगलों को दिल्ली से खदेड़ दिया।
शेरशाह सूरी का शासन

