कोयला: ऊर्जा का काला हीरा

कोयला, सदियों से भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने वाली रीढ़ की हड्डी रहा है। इस ब्लॉग में, हम कोयले के विभिन्न पहलुओं, इसके बनने की प्रक्रिया, उपयोगों, फायदों और नुकसानों, तथा भविष्य में इसकी भूमिका पर गौर से विचार करेंगे।

कोयले का बनना

कोयला लाखों साल पहले दलदली जंगलों के मृत पेड़-पौधों के दबने और सड़ने से बनता है। समय के साथ तीव्र गर्मी और दबाव के कारण कार्बन का अंश बढ़ता जाता है और हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन कम हो जाती है। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप विभिन्न ग्रेडों का कोयला बनता है, जिनमें पीट (peat), लिग्नाइट (lignite), बिटुमिनस कोयला (bituminous coal) और एन्थ्रासाइट (anthracite) शामिल हैं।