भारतीय रुपया: गौरव का प्रतीक! 15+ Amazing and Unknown Facts about Indian Currency in Hindi
भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, भारतीय रुपया (Indian Rupees) सिर्फ एक मुद्रा नहीं, बल्कि देश के गौरव का प्रतीक है। आइए, इस ब्लॉग में भारतीय रुपये के इतिहास, स्वरूपों और उसके महत्व के बारे में विस्तार से जानें।
रोचक तथ्य
By
Akash Jyoti
Last Update
Jul 25, 2024
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भारतीय रुपये का इतिहास
भारतीय रुपये के इतिहास की जड़ें प्राचीन भारत में मिलती हैं। मौर्य साम्राज्य के शासनकाल में सोने और चांदी के सिक्कों का चलन था, जिन्हें रुप्य या रूप्यक (Rupaya/Rupaka) कहा जाता था। हालांकि, आधुनिक भारतीय रुपये की शुरुआत 18वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) द्वारा जारी किए गए चांदी के सिक्कों से मानी जाती है।
स्वतंत्रता के बाद 1947 में, भारतीय रुपया को भारत की आधिकारिक मुद्रा के रूप में अपनाया गया। तब से, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) मुद्रा प्रबंधन और विनिमय दरों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।

