भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेद, और आधुनिक चिकित्सा पद्धति, दोनों ही स्वास्थ्य और रोग के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण रखती हैं। आइए इन दोनों के बीच कुछ प्रमुख अंतरों पर एक गहन नज़र डालें:

1. समग्र दृष्टिकोण बनाम विशिष्ट उपचार:

आयुर्वेद: शरीर को मन, शरीर और आत्मा के एकीकरण के रूप में देखता है। यह मानता है कि इन तीनों तत्वों के बीच संतुलन ही उत्तम स्वास्थ्य की कुंजी है। इसलिए, आयुर्वेदिक चिकित्सा रोग के मूल कारण का पता लगाने और उसे जड़ से खत्म करने पर केंद्रित होती है, न कि केवल लक्षणों का दमन करने पर।