आंचल की चंद्रमा की यात्रा

चांदनी रात थी। आसमान में तारे इस तरह टिमटिमा रहे थे, मानो किसी ने अनगिनत हीरे आकाश में बिखेर दिए हों। रात की ठंडी हवा, जैसे सर्दी की एक कोमल चादर, पूरे गांव में सुकून का अहसास करा रही थी। चारों ओर एक अद्भुत शांति थी, जैसे प्रकृति ने खुद को एक गहरी नींद में लपेट लिया हो। लेकिन एक अद्वितीय प्रकाश था—चाँद। उसकी चांदी जैसी रोशनी ने धरती को एक जादूई चादर से ढक रखा था, जैसे वह सब कुछ अद्भुत बना देना चाहता हो।

आंचल का सपना