अकबर - बीरबल की कहानी

एक सर्द दिवस जब अकबर का दरबार गूंज रहा था, तभी फारस के राजा का दूत एक अनोखी चुनौती लेकर उपस्थित हुआ। उसने अकबर के हाथों में एक पिंजरा थमाया जिसमें मोम का बना एक शेर कैद था। फारस के घमंडी राजा ने अकबर को ताना मारते हुए कहा, "महाराज, यदि आप इस शेर को पिंजरा खोले बिना बाहर निकाल सकें तो ही आप सच्चे बादशाह हैं।"

बीरबल की अनुपस्थिति ने अकबर को चिंता में डाल दिया। वे सोचने लगे कि यदि वे इस चुनौती का सामना नहीं कर पाए तो उनकी हंसी उड़ेगी। तभी, दरबार में हड़कंप मच गया और बीरबल, अपने चतुर और ज्ञानी रूप में, वहां प्रवेश कर गए।