अंधेरी रात का साया: पुराने घर की रहस्यमयी दास्तान

बारिश की रात थी। तेज़ हवाएँ पेड़ों को झुका रही थीं। एक पुराने, जर्जर हवेली में, अकेले रहता था एक बुज़ुर्ग आदमी, जिसका नाम था बाबूलाल सिंह। वो कहानियों का शौकीन था, खासकर डरावनी।

एक रात, तूफ़ान इतना ज़ोरदार था कि बिजली बार-बार जा रही थी। बाबूलाल ने एक लालटेन जलाई और अपनी पुस्तकालय की ओर बढ़ा। वहाँ, एक पुस्तक थी, जिसके बारे में कहते थे कि वो शापित है। जिज्ञासा ने उसे उस किताब की ओर खींचा।