राजा विक्रमादित्य एक बार फिर श्मशान की ओर जा रहे थे। उनके कंधे पर लटका हुआ था कुख्यात बेताल। हर रात की तरह, बेताल एक कहानी सुनाता और फिर एक पेचीदा सवाल पूछता।

विवेक और संकल्प की परीक्षा

बेताल ने राजा से कहा, "राजा विक्रमादित्य, मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ, अगर तुमने सही उत्तर दिया तो मैं वापस अपने स्थान पर चला जाऊँगा।"