चतुर कौआ और दुष्ट सर्प: साहस और बुद्धि की कहानी

घने जंगल में, एक विशाल बरगद का पेड़ था, जिस पर कौआ और कव्वी का जोड़ा रहता था। उसी पेड़ के खोखले तने में एक दुष्ट सर्प छिपा रहता था। हर साल, जब कव्वी अंडे देती, सर्प मौका पाकर उन्हें निगल जाता।

एक दिन, कौआ और कव्वी जल्दी भोजन लेकर लौटे, तो उन्होंने सर्प को उनके अंडों पर झपटते देखा। दुखी कौआ बोला, "डर मत, प्रिय। अब हमें दुश्मन का पता चल गया है। हम ज़रूर उपाय ढूंढेंगे।"