दया का फल, एक शहर, दो जिंदगी

शहर की चकाचौंध में खोया, आर्यन नाम का एक व्यस्त व्यापारी अपनी जिंदगी दौड़-धूप में ही बिताता था। पैसों की चमक में, दूसरों के दुख-दर्द से बेखबर, वह सिर्फ़ अपनी ही दुनिया में जीता था।

एक सर्द रात, जब शहर की रौनक धीमी पड़ने लगी थी, आर्यन देर से ऑफिस से निकला। घर की ओर बढ़ते हुए, उसे सड़क किनारे एक छोटी सी लड़की ठिठुरते हुए दिखाई दी। फटे-पुराने कपड़ों में लिपटी, वो भूख और ठंड से बेहाल थी।