घर की मुर्गी दाल बराबर: अर्थ, उत्पत्ति और उदाहरण! मुहावरे पर आधारित 5 छोटी कहानियां
"घर की मुर्गी दाल बराबर" एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो उस स्थिति को दर्शाता है जब हम अपने आस-पास मौजूद चीज़ों या लोगों की कद्र नहीं करते, क्योंकि वे हमें आसानी से उपलब्ध होते हैं।
कहानियाँ
By
Amit Kumar
Last Update
Nov 12, 2024
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घर की मुर्गी दाल बराबर: मुहावरे का अर्थ और उदाहरण
यह मुहावरा उस मानवीय प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है जहां हम अक्सर अपने करीबी रिश्तेदारों, दोस्तों, या आसानी से उपलब्ध संसाधनों की कद्र नहीं करते, क्योंकि वे हमें हमेशा उपलब्ध लगते हैं। हम उनकी उपस्थिति को हल्के में ले लेते हैं और उनकी महत्वता को तब तक नहीं समझते जब तक वे हमसे दूर नहीं चले जाते या खो नहीं जाते।
मुहावरे की उत्पत्ति

