घर की मुर्गी दाल बराबर: मुहावरे का अर्थ और उदाहरण

यह मुहावरा उस मानवीय प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है जहां हम अक्सर अपने करीबी रिश्तेदारों, दोस्तों, या आसानी से उपलब्ध संसाधनों की कद्र नहीं करते, क्योंकि वे हमें हमेशा उपलब्ध लगते हैं। हम उनकी उपस्थिति को हल्के में ले लेते हैं और उनकी महत्वता को तब तक नहीं समझते जब तक वे हमसे दूर नहीं चले जाते या खो नहीं जाते।

मुहावरे की उत्पत्ति