दिल्ली की गलियों में मुकुल का संघर्ष: एक सिविल सेवक बनने की यात्रा
जानिए दिल्ली की कठिनाइयों और संघर्षों के बीच मुकुल की कहानी। एक युवा की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में संघर्ष, प्रेरणा और सफलता की यात्रा।
कहानियाँ
By
Amit Kumar
Last Update
Feb 05, 2025
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दिल्ली की सर्दियों की शाम थी। मुकुल की आंखें किताबों की ओर लगी थीं, लेकिन उसके मन में चल रही विचारों की हलचल कहीं और थी। वह एक छोटे से कमरे में बैठा था, जहाँ उसके चारों ओर किताबों के ढेर लगे हुए थे। गहरी रात का समय था और दिल्ली की चहल-पहल अब भी जारी थी, लेकिन मुकुल का ध्यान पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर केंद्रित था।
मुकुल का सपना था कि वह सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो और देश की सेवा कर सके। उसने अपनी पढ़ाई के लिए दिल्ली को चुना था, जहां की कोचिंग संस्थानों की प्रसिद्धि और विविध संसाधनों ने उसे आकर्षित किया था। लेकिन दिल्ली की गलियों और उसके जीवन की चुनौतियाँ उसकी राह को आसान नहीं बना रही थीं।

