पूस की रात कहानी का सारांश

पूस की रात मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई एक अत्यंत प्रभावशाली और संवेदनशील कहानी है, जो भारतीय किसानों के कठिन जीवन को चित्रित करती है। यह कहानी उन दिन-प्रतिदिन की समस्याओं, कठिनाइयों और कष्टों की गाथा है, जो एक सामान्य किसान अपने जीवन में भुगतता है।

प्रेमचंद ने इस कहानी में न केवल किसान की पीड़ा को उजागर किया है, बल्कि समाज की आर्थिक और सामाजिक असमानताओं पर भी जोर दिया है।