दादी का तोहफा! प्यार और त्याग की कहानी

शीतल एक दस साल की जिज्ञासु लड़की थी। उसे नई चीजें सीखना और दुनिया घूमना बहुत पसंद था। एक दिन, शीतल ने अपनी दादी से पूछा, "दादी, आप कभी स्कूल नहीं गईं, फिर भी आप इतनी सारी कहानियाँ कैसे जानती हैं?"

दादी ने मुस्कुराते हुए कहा, "बच्ची, स्कूल ज़रूरी है, लेकिन सीखने का एक ही रास्ता नहीं होता। मैंने ज़िंदगी के तजुर्बे से बहुत कुछ सीखा है।"