गोदान मुंशी प्रेमचंद का सबसे प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण उपन्यास है, जो न केवल भारतीय साहित्य में बल्कि समूचे विश्व साहित्य में अपने आप को स्थापित कर चुका है। प्रेमचंद का यह कृति भारतीय समाज की विभिन्न जटिलताओं, किसानों की समस्याओं, सामाजिक असमानताओं और जीवन की कठोर सच्चाइयों का सजीव चित्रण करती है। इस उपन्यास का नाम गोदान इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें गाय दान का भारतीय समाज में धार्मिक और सामाजिक महत्व को आधार बनाते हुए पात्रों के जीवन की त्रासदी और संघर्ष को केंद्रित किया गया है।

गोदान उपन्यास का सारांश

उपन्यास की शुरुआत से ही हमें पता चलता है कि कहानी का मुख्य पात्र होरी महतो एक गरीब किसान है, जो पूरे जीवन मेहनत करके अपने परिवार का पेट पालता है। उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना एक गाय खरीदना है, क्योंकि गाय को भारतीय ग्रामीण समाज में धन, प्रतिष्ठा, और धर्म का प्रतीक माना जाता है। होरी एक साधारण, ईमानदार और परिश्रमी व्यक्ति है, जो अपनी सीमित परिस्थितियों में भी जीवन के आदर्शों और परंपराओं का पालन करता है। परंतु उसकी कठिनाइयां यहीं समाप्त नहीं होतीं, बल्कि वह हमेशा गरीबी, शोषण, और अन्याय के दुष्चक्र में फंसा रहता है।