राजा का सपना और बेताल की चाल

राजा विक्रमादित्य सपनों का बहुत महत्व देते थे. उनका मानना था कि स्वप्न किसी आने वाली घटना का संकेत हो सकते हैं. एक रात, उन्होंने एक अजीब सपना देखा. सपने में उन्होंने देखा कि एक बूढ़ा साधु उनके राज्य के एक मंदिर में भगवान की मूर्ति के सामने घुटने टेककर रो रहा था. मूर्ति से निकलती हुई आवाज कह रही थी कि उसे अन्याय सहना पड़ रहा है.