बेताल की चाल और राजा विक्रम की बुद्धि

उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य एक शांत शाम जंगल में बिता रहे थे। अचानक, एक पेड़ से लटकता हुआ एक भयानक बेताल उनकी नजरों में आया। बेताल ने विक्रम को देखकर जोर से हंसा और बोला, "महाराज! आप बड़े साहसी सम्राट हैं, ऐसा लगता है मौत को भी आपसे डर लगता है।"

राजा विक्रम बेताल की धृष्टता से क्रोधित हुए, लेकिन उन्होंने जल्द ही अपना आपा संभाला। वे जानते थे कि बेताल को मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें उसकी 25 पहेलियों का जवाब देना होगा।