राजा भोज और सच्चा दान

राजा विक्रमादित्य, पेड़ पर चढ़कर बेताल को पकड़ने में कामयाब हो गए। उसे अपने कंधे पर लाद कर चल पड़े। रास्ते में बेताल ने कहानी सुनाना शुरू किया।

बेताल की कहानी: