चांदीपुरा वायरस क्या है?

चांदीपुरा वायरस एक मच्छर जनित आरएनए वायरस है, जो फ्लेबोवायरस परिवार से संबंधित है। यह मुख्य रूप से मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खियों के काटने से फैलता है, लेकिन एडीज मच्छर भी इसके वाहक हो सकते हैं। यह वायरस ज्यादातर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाता है।

लक्षण: एक खामोश शुरुआत

चांदीपुरा वायरस के लक्षण अक्सर सामान्य बुखार और सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार (104 डिग्री फ़ारेनहाइट तक), सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और दस्त शामिल हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, बच्चा कमजोर और सुस्त हो सकता है, और कुछ मामलों में बेहोश भी हो सकता है।

सबसे खतरनाक लक्षण एन्सेफलाइटिस है, जो मस्तिष्क की सूजन है। यह संक्रमण के बाद तेजी से बढ़ता है और अस्पताल में भर्ती होने के 24-48 घंटों के भीतर ही बच्चे की मौत का कारण बन सकता है।

बचाव ही सबसे अच्छा इलाज

चांदीपुरा वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। इसलिए, बचाव ही सबसे अच्छा तरीका है। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप अपने और अपने बच्चों को इस वायरस से बचा सकते हैं: