कैलाश पर्वत: रहस्य, आस्था और अदभुत सौंदर्य का संगम! रोचक तथ्य Kailash Parvat facts in hindi

पृथ्वी पर कुछ स्थान ऐसे हैं जो अपने रहस्य, आस्था और अदभुत सौंदर्य के कारण सदियों से लोगों को आकर्षित करते आ रहे हैं। हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच स्थित कैलाश पर्वत ऐसे ही एक स्थान में शुमार है। आइए जानें कैलाश पर्वत के बारे में कुछ रोचक तथ्य -

कैलाश पर्वत: रहस्य, आस्था और अदभुत सौंदर...

पृथ्वी पर कुछ स्थान ऐसे हैं जो अपने रहस्य, आस्था और अदभुत सौंदर्य के कारण सदियों से लोगों को आकर्षित करते आ रहे हैं। हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच स्थित कैलाश पर्वत ऐसे ही एक स्थान में शुमार है। यह पर्वत न केवल एक भौगोलिक विशेषता है, बल्कि धर्म, संस्कृति और इतिहास का एक संगम भी है।

कैलाश पर्वत विभिन्न धर्मों का पवित्र स्थल

समुद्र तल से 6656 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैलाश पर्वत हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। हिंदू धर्म में, इसे भगवान शिव का निवास और ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है। बौद्ध धर्म में, इसे "कैलाशपर्वत" के नाम से जाना जाता है और इसे चक्रसंवर का निवास माना जाता है, जो सर्वोच्च आनंद का प्रतिनिधित्व करता है। जैन धर्म में, इसे ऋषभनाथ, पहले तीर्थंकर (आध्यात्मिक गुरु) के मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है। बोन धर्म में, इसे एक पवित्र पर्वत माना जाता है जो ब्रह्मांड के नौ स्तरों का प्रतिनिधित्व करता है।

कैलाश पर्वत का पौराणिक कथाओं में उल्लेख

कैलाश पर्वत प्राचीन हिंदू पुराणों और महाकाव्यों में भी उल्लेखित है। इसे मेरु पर्वत के रूप में वर्णित किया गया है, जो ब्रह्मांड का केंद्र है। पर्वत को लेकर कई लोक कथाएं और किंवदंतियां भी प्रचलित हैं, जो इसकी पवित्रता और रहस्य को और बढ़ा देती हैं।

कैलाश पर्वत की दुर्गम यात्रा और रहस्यमयी परिक्रमा

कैलाश पर्वत की कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण, इसकी चोटी पर चढ़ना लगभग असंभव माना जाता है। हालांकि, कई धर्मों में इस पर्वत की परिक्रमा करना एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। हिंदू धर्म में इसे "कैलाश मानसरोवर यात्रा" के नाम से जाना जाता है, जिसे जीवन में कम से कम एक बार करने का सपना हर श्रद्धालु का होता है। यह परिक्रमा कठिन और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन माना जाता है कि इसे पूरा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

पर्यावरण संरक्षण की चुनौती

कैलाश पर्वत और आसपास का क्षेत्र नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है। पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के कारण, इस क्षेत्र को पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र की यात्रा करते समय पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखा जाए।

कैलाश पर्वत के रोचक तथ्य:

  • पांच दिशाओं का केंद्र: कैलाश पर्वत को चारों दिशाओं के साथ-साथ ऊपर की ओर भी केंद्र माना जाता है। यह माना जाता है कि पर्वत चारों दिशाओं में फैली पर्वत श्रृंखलाओं का केंद्र है, और साथ ही पृथ्वी और आकाश का भी केंद्र है।
  • अद्वितीय पिरामिड आकार: कैलाश पर्वत का आकार एक विशाल चतुर्भुज पिरामिड जैसा है, जो इसे अन्य हिमालय चोटियों से अलग करता है। इसकी चारों दिशाएं लगभग उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की ओर मुखी हुई हैं, जिसने इसे और भी रहस्यमयी बना दिया है।
  • दुर्लभ वनस्पति और जीव: कैलाश पर्वत के आसपास का क्षेत्र दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों का घर है। यहां कुछ दुर्लभ जड़ी-बूटियां, औषधीय पौधे पाए जाते हैं। साथ ही यहां हिमालयी भेड़, हिम तेंदुए और हिमालयी गिद्ध जैसी दुर्लभ प्रजातियां भी पाई जाती हैं।
  • कैलाश मानसरोवर यात्रा की कठिनाई: कैलाश पर्वत की परिक्रमा, जिसे कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूप में जाना जाता है, बेहद कठिन मानी जाती है। यह यात्रा लगभग 65 किलोमीटर लंबी है और इसमें 5600 मीटर से अधिक की ऊंचाई पार करनी पड़ती है। तेज हवा, कम ऑक्सीजन का स्तर और कठिन इलाका इसे एक चुनौतीपूर्ण यात्रा बनाते हैं।
  • पर्वतारोहण का रहस्य: माना जाता है कि अब तक कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत की चोटी पर नहीं पहुंच पाया है। कई पर्वतारोहियों ने इसे चढ़ने का प्रयास किया है, लेकिन असफल रहे हैं। कुछ का तो दावा है कि अदृश्य शक्तियों ने उन्हें रोक दिया, जबकि अन्य का कहना है कि उन्होंने पवित्रता बनाए रखने के लिए चढ़ाई का प्रयास नहीं किया।
  • कैलाश पर्वत के विभिन्न नाम: कैलाश पर्वत को विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसे कैलाश या मेरु पर्वत कहा जाता है, बौद्ध धर्म में इसे कंग्रि रित्से या त्से-तांग ल्हा के नाम से जाना जाता है, और जैन धर्म में इसे अष्टापद या सप्तकुचा के नाम से जाना जाता है।


कैलाश पर्वत के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: कैलाश पर्वत किस पर्वतमाला में स्थित है?

उत्तर: कैलाश पर्वत ट्रांस हिमालय पर्वतमाला में स्थित है।

प्रश्न 2: कैलाश पर्वत की ऊंचाई कितनी है?

उत्तर: कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6,714 मीटर (22,028 फीट) है।

प्रश्न 3: क्या कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की जा सकती है?

उत्तर: नहीं, कैलाश पर्वत को पवित्र माना जाता है और इस पर चढ़ाई वर्जित है। कई धर्मों के अनुयायी पर्वत की परिक्रमा करते हैं, जिसे कैलाश मानसरोवर यात्रा के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 4: कैलाश पर्वत को किन धर्मों में पवित्र माना जाता है?

उत्तर: कैलाश पर्वत हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, बोन धर्म और जैन धर्म सहित कई धर्मों में पवित्र माना जाता है। हिंदू मानते हैं कि यह भगवान शिव का निवास स्थान है, बौद्ध धर्म में इसे कैलाशपति के रूप में जाना जाता है, जो बुद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के दिव्य निवास स्थान का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 5: कैलाश मानसरोवर यात्रा कैसी होती है?

उत्तर: कैलाश मानसरोवर यात्रा एक कठिन तीर्थयात्रा है जिसमें लगभग 52 किलोमीटर की परिक्रमा शामिल होती है। यह यात्रा उच्च ऊंचाई पर स्थित है और इसमें कठिन इलाके शामिल होते हैं।

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