मच्छरों की दुनिया के रोचक तथ्य! Amazing Facts About Mosquito in Hindi with FAQs
मच्छर की दुनिया:
पृथ्वी पर पाए जाने वाले कीड़ों में मच्छर सबसे ज्यादा विविध प्रजाति वाला समूह है. 2,700 से भी ज्यादा विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से भारत में लगभग 400 प्रजातियां मौजूद हैं. ये आकार में बहुत छोटे होते हैं, कुछ तो इतने सूक्ष्म होते हैं कि उन्हें नंगी आंखों से देखना भी मुश्किल हो जाता है.
काटने का कारनामा:
सिर्फ मादा मच्छर ही खून चूसती हैं. दरअसल, उन्हें अपने अंडों को विकसित करने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है, जो खून से मिलती है. काटने के समय, मच्छर अपनी सूंडी को हमारी त्वचा में घुसा देती है और खून को बाहर निकालने के लिए एंटी-क्लॉटिंग (anti-clotting) पदार्थ छोड़ती है. यही कारण है कि मच्छर के काटने पर खुजली होती है.
मच्छर जनित रोग:
मच्छर कई गंभीर बीमारियों को फैलाने के लिए जाने जाते हैं, जिनमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, और फाइलेरिया शामिल हैं. ये बीमारियां मच्छर के काटने से फैलने वाले परजीवी (parasite) या वायरस के कारण होती हैं.
बचाव के उपाय
मच्छरों से बचने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:
पूरे कपड़े पहनें:खासकर शाम के समय ढके हुए कपड़े पहनें, जो आपकी त्वचा को ढांप दें.
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें: सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
रिपेलेंट लगाएं: मच्छरों को दूर भगाने के लिए DEET या ICAR द्वारा अनुमोदित अन्य रिपेलेंट लगाएं.
अपने आसपास पानी जमा न होने दें: घर के आसपास गमलों, टायरों या अन्य किसी भी जगह पानी जमा न होने दें, क्योंकि यही मच्छर पनपने के लिए उपयुक्त स्थान होते हैं.
मच्छर भगाने वाली जाली लगाएं:खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छर भगाने वाली जाली लगवाएं.
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मच्छरों की दुनिया के रोचक तथ्य
मच्छर भले ही हमें परेशान करते हैं, लेकिन इनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी हैं, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे. आइए डालते हैं एक नजर:
धरती पर सबसे ज्यादा कीड़े: जी हां, मच्छर धरती पर पाए जाने वाले कीड़ों में सबसे ज्यादा विविध प्रजाति वाला समूह है. 2,700 से भी ज्यादा विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं! भारत में ही लगभग 400 तरह के मच्छर मौजूद हैं.
छोटे पर दमदार: भले ही दिखने में छोटे हों, मच्छर अपनी ताकत और अनुकूलन क्षमता (adaptability) के लिए जाने जाते हैं. ये कमाल की फुर्ती से उड़ सकते हैं और दीवारों पर भी चढ़ सकते हैं.
मादा का राज: सिर्फ मादा मच्छर ही खून चूसती हैं. दिलचस्प बात ये है कि उन्हें अपने अंडों को विकसित करने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है, जो खून से मिलती है. नर मच्छर सिर्फ फूलों का रस पीकर अपना जीवन निर्वाह करते हैं.
गंध का पता लगाना: क्या आप जानते हैं कि मच्छर हमारी सांसों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को मीलों दूर से सूंघ सकते हैं! इसी वजह से ये हम तक आसानी से पहुंच जाते हैं.
अपने वजन से ज्यादा खून: मादा मच्छर एक बार में अपने वजन से तीन गुना ज्यादा खून पी सकती है! हालांकि, इतना खून पीने के बाद ये कुछ समय के लिए उड़ नहीं पाती हैं.
टूथलेस वंडर: मच्छरों के दांत नहीं होते हैं! ये अपनी सूंडी से हमारी त्वचा को छेदकर उसमें से खून चूसते हैं. साथ ही, ये एक खून को पतला करने वाला पदार्थ छोड़ती हैं, जिससे हमें खुजली होती है.
प्राचीन इतिहास: डायनासोर के जमाने से भी पहले, यानी करीब 20 करोड़ साल पहले से धरती पर मच्छर मौजूद हैं! ये जीव लाखों सालों से पृथ्वी पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं.
ध्वनि प्रदूषण का शौक:मच्छरों की भनभनाहट सिर्फ हमें परेशान करने के लिए नहीं होती. नर मच्छर मादा मच्छरों को आकर्षित करने के लिए अपने पंखों को तेजी से हिलाते हैं, जिससे ये आवाज पैदा होती है.
मच्छरों के अनछुए रहस्य:
आपने मच्छरों के बारे में बहुत कुछ पढ़ा होगा, लेकिन आज हम आपको बताएंगे उनके कुछ अनछुए रहस्य, जो शायद ही आपने सुने होंगे:
रक्त समूह का भेद: यह चौंकाने वाला तथ्य है कि मच्छर हमेशा आसानी से शिकार नहीं चुनते. शोध बताते हैं कि कुछ मच्छर खास रक्त समूह वाले लोगों को ज्यादा पसंद करते हैं. For example, O ग्रुप वाले लोगों को (For example - उदाहरण के लिए) A ग्रुप वालों की तुलना में ज्यादा काटने का खतरा रहता है.
पसीने का पैगाम: हम जानते हैं कि मच्छर कार्बन डाइऑक्साइड से आकर्षित होते हैं, लेकिन सिर्फ यही वजह नहीं है. हमारे पसीने में मौजूद लैक्टिक एसिड और अमोनिया भी मच्छरों को अपनी ओर खींचते हैं. तो व्यायाम के बाद या गर्मियों में ज्यादा काटे जाने का यही कारण है!
गर्मी का नशा: हमें लगता है कि ठंड में ही मच्छर ज्यादा होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. गर्म और आद्र (Aadhar - humid) मौसम दरअसल मच्छरों के पनपने के लिए सबसे उपयुक्त होता है. इस दौरान तेजी से उनका प्रजनन होता है.
मादक पेय पदार्थों का मेल: अध्ययनों से पता चला है कि शराब पीने से शरीर से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, साथ ही पसीने की गंध भी ज्यादा तेज हो जाती है. ये दोनों ही चीज़ें मच्छरों को अपनी ओर खींचने का काम करती हैं. इसलिए, पार्टी के बाद ज्यादा मच्छरों के काटने का खतरा रहता है.
खून चूसने का नशा: एक बार खून चूसने के बाद मच्छर कुछ समय के लिए "हाई" महसूस करती है. दरअसल, खून में पाए जाने वाले कुछ तत्व उनके दिमाग को सुन्न कर देते हैं, जिससे उन्हें थोड़ी देर के लिए उड़ने में भी परेशानी होती है.
प्राकृतिक कीटनाशक: कुछ पौधे और फूल, जैसे गेंदे का फूल, तुलसी और लेमनग्रास, मच्छरों को दूर भगाने का काम करते हैं. ये पौधे प्राकृतिक कीटनाशक की तरह काम करते हैं, जिनकी गंध मच्छरों को पसंद नहीं आती.
रंगीन संसार: आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि मच्छर रंग देख सकते हैं! हालांकि हमारी तरह से जटिल रंग नहीं, लेकिन वे लाल, काला और सफेद रंगों में फर्क कर सकते हैं. काले या गहरे रंग के कपड़े पहनने से मच्छरों को आपकी तरफ आकर्षित होने का खतरा ज्यादा रहता है.
Frequently Asked Questions
पूरे कपड़े पहनें: खासकर शाम के समय ढके हुए कपड़े पहनें, जो आपकी त्वचा को ढांप दें.
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें: सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
रिपेलेंट लगाएं: मच्छरों को दूर भगाने के लिए DEET या ICAR द्वारा अनुमोदित अन्य रिपेलेंट लगाएं.
अपने आसपास पानी जमा न होने दें: घर के आसपास गमलों, टायरों या अन्य किसी भी जगह पानी जमा न होने दें, क्योंकि यही मच्छर पनपने के लिए उपयुक्त स्थान होते हैं.
मच्छर भगाने वाली जाली लगाएं: खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छर भगाने वाली जाली लगवाएं.