मैंगोस्टीन: स्वास्थ्य और स्वाद का अनोखा खजाना! रोचक तथ्य Mangosteen Health Benefits and Facts
मैंगोस्टीन के कुछ रोचक तथ्य:
माना जाता है कि मैंगोस्टीन की खेती 600 साल पहले से दक्षिण-पूर्व एशिया में की जाती रही है।
इसका छिलका गहरे बैंगनी रंग का होता है और इसमें जानतोन्स नामक एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो फल को कीटों और रोगों से बचाते हैं।
मंगोस्टीन का फल बहुत ही कोमल और मीठा होता है।
इसे काटने के लिए विशेष चाकू की आवश्यकता होती है ताकि सफेद अंदरूनी भाग को नुकसान न पहुंचे।
मैंगोस्टीन के स्वास्थ्य लाभ:
एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर: मैंगोस्टीन में जानतोन्स सहित कई शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर को हानिकारक मुक्त कण से बचाते हैं। ये फ्री रैडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उम्र बढ़ने और बीमारियों से जुड़े हो सकते हैं।
सूजन कम करता है: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मैंगोस्टीन में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द, आंत्राव्रण विकृति (Inflammatory bowel disease) जैसी स्थितियों में मदद कर सकते हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है: मैंगोस्टीन में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करता है: कुछ प्रारंभिक अध्ययनों में पाया गया है कि मैंगोस्टीन खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
बैक्टीरियल संक्रमणों से लड़ता है: मैंगोस्टीन में बैक्टीरिया-रोधी गुण हो सकते हैं जो कुछ प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि मैंगोस्टीन के स्वास्थ्य लाभों पर और अधिक शोध की आवश्यकता है। अगर आप किसी भी तरह की दवा ले रहे हैं या किसी भी तरह की चिकित्सीय स्थिति से जूझ रहे हैं, तो मैंगोस्टीन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
मैंगोस्टीन का सेवन कैसे करें
मैंगोस्टीन का फल थोड़ा मुश्किल से खोला जाता है, लेकिन स्वादिष्ट सफेद भाग तक पहुंचने के लिए कुछ सरल तरकीबें हैं:
- फल को मजबूती से पकड़ें और एक तेज चाकू का उपयोग करके फल के शीर्ष के चारों ओर एक उथला चीरा लगाएं।
- चीरे को पूरे फल के चारों ओर घुमाएं ताकि वह डंठल तक पहुंच जाए।
- फल के ऊपरी हिस्से को धीरे से मोड़ें या घुमाएं जैसे आप एक टोपी खोल रहे हों।
- अब आप सफेद, रेशेदार अंदरूनी भाग तक पहुंच सकते हैं।
- बीजों को निकाल दें और सफेद भाग का आनंद लें।
कुछ लोग मैंगोस्टीन के छिलके का भी इस्तेमाल करते हैं। छिलके को सुखाकर पाउडर बनाया जा सकता है और चाय या स्मूदी में मिलाया जा सकता है। हालांकि, छिलके का स्वाद कड़वा होता है और सभी को पसंद नहीं आता।
कहां मिलता है मैंगोस्टीन
भारत में मैंगोस्टीन एक विदेशी फल है और इसे हर जगह आसानी से नहीं मिलता। आप इसे बड़े शहरों के कुछ विशेष फलों के स्टोर या ऑनलाइन विक्रेताओं के पास ढूंढ सकते हैं। मैंगोस्टीन थोड़ा महंगा फल होता है, इसकी कीमत मौसम और उपलब्धता के आधार पर बदलती रहती है।
मैंगोस्टीन का चयन और भंडारण
पका हुआ मैंगोस्टीन चुनते समय, इसके बाहरी छिलके को दबाएं। छिलका थोड़ा नरम होना चाहिए, लेकिन बहुत ज्यादा नरम नहीं होना चाहिए। यदि छिलका सख्त है, तो फल अभी पका नहीं है।
पका हुआ मैंगोस्टीन कमरे के तापमान पर कुछ दिनों तक रखा जा सकता है। आप इन्हें फ्रिज में एक हफ्ते तक भी रख सकते हैं। कटे हुए मैंगोस्टीन को एयरटाइट कंटेनर में फ्रिज में तीन दिनों तक रखा जा सकता है।
मैंगोस्टीन: सावधानी
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मैंगोस्टीन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
कुछ लोगों को मैंगोस्टीन से एलर्जी हो सकती है। यदि आपको मैंगोस्टीन खाने के बाद किसी भी तरह की एलर्जी की प्रतिक्रिया का अनुभव होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
मैंगोस्टीन से जुड़ी रोचक बातें
मैंगोस्टीन के स्वास्थ्य लाभों और सेवन के तरीकों के बारे में जानने के बाद, आइए इस अनोखे फल से जुड़ी कुछ रोचक बातों पर नज़र डालें:
राजसी फल: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में, मैंगोस्टीन को राजाओं और रानियों का फल माना जाता था। यह दुर्लभ और कीमती माना जाता था और आम जनता के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं था।
अनोखी रानी: "फलों की रानी" के उपनाम के अलावा, थाईलैंड में मैंगोस्टीन को "देवताओं का फल" भी कहा जाता है। इसकी सुंदरता और स्वाद के कारण इसे यह उपनाम दिया गया है।
सुंदरता का राज़? मैंगोस्टीन का छिलका कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होता है। माना जाता है कि इसके एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को स्वस्थ और जवां बनाए रखने में मदद करते हैं।
ईको-फ्रेंडली खेती: मैंगोस्टीन के पेड़ों को प्राकृतिक रूप से उगाना पसंद होता है और इन्हें किसी विशेष कीटनाशक या उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है। यह इसे पर्यावरण के अनुकूल फल विकल्प बनाता है।
क्या आप जानते थे?
- मैंगोस्टीन का एक पेड़ साल में केवल 100 से 200 फल ही पैदा कर सकता है।
- मैंगोस्टीन का पेड़ परिपक्व होने में 10 से 20 साल तक का समय ले सकता है।
- मैंगोस्टीन का पेड़ 70 मीटर से भी ऊंचा हो सकता है।
भारत में मैंगोस्टीन की खेती
हालांकि मैंगोस्टीन भारत में अभी व्यापक रूप से नहीं उगाया जाता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसकी खेती शुरू हो रही है। दक्षिण भारत के कुछ राज्य, जैसे कर्नाटक और महाराष्ट्र, इसकी खेती के लिए उपयुक्त जलवायु रखते हैं।
भविष्य में, भारत में मैंगोस्टीन की खेती बढ़ने की उम्मीद है। इससे न केवल भारतीय बाजार में इस स्वादिष्ट और पौष्टिक फल की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि किसानों के लिए भी नई कमाई का अवसर पैदा होगा।
दिष्ट व्यंजनों में मैंगोस्टीन
मैंगोस्टीन को आप ऐसे ही ताजा खा सकते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी किया जा सकता है। आइए देखें मैंगोस्टीन का इस्तेमाल करके आप कौन सी दिलचस्प चीजें बना सकते हैं:
मैंगोस्टीन स्मूदी: दही, दूध, केला और मैंगोस्टीन के साथ एक स्वस्थ और स्वादिष्ट स्मूदी बनाएं। आप इसमें शहद या मेपल सीरप की मिठास भी डाल सकते हैं।
मैंगोस्टीन सलाद: फलों का सलाद बनाते समय उसमें मैंगोस्टीन के टुकड़े डालें। यह न केवल सलाद को मीठा स्वाद देगा बल्कि इसके पोषण मूल्य को भी बढ़ा देगा।
मैंगोस्टीन सॉस: मछली या चिकन के लिए मीठा और खट्टा सॉस बनाने के लिए मैंगोस्टीन के गूदे को नींबू के रस, अदरक, लहसुन और सोया सॉस के साथ मिलाएं।
मैंगोस्टीन आइसक्रीम: घर पर बनी आइसक्रीम में मैंगोस्टीन का टुकड़े डालकर एक अनूठा स्वाद बनाएं।
मैंगोस्टीन शर्बत: गर्मियों के दिनों में ठंडा पेय पदार्थ के लिए मैंगोस्टीन का गूदा, चीनी और पानी का मिश्रण बनाकर शर्बत तैयार करें।
मज़ेदार तथ्य
- मैंगोस्टीन के छिलके का उपयोग पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है।
- कुछ देशों में, मैंगोस्टीन के पेड़ की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है।
- थाईलैंड में, मैंगोस्टीन महोत्सव भी आयोजित किए जाते हैं जहां लोग इस फल को सेलिब्रेट करते हैं।
मैंगोस्टीन का पोषण चार्ट
मैंगोस्टीन विभिन्न विटामिनों, खनिजों और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। 100 ग्राम मैंगोस्टीन में नीचे दिए गए पोषक तत्वों की मात्रा लगभग पाई जाती है:
पोषक तत्व (Nutrient) | मात्रा (Amount) | दैनिक आवश्यकता का प्रतिशत (%DV) |
कैलोरीज़ (Calories) | 70 kcal | 3% |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 18 ग्राम | 6% |
चीनी (Sugar) | 15 ग्राम | - |
फाइबर (Fiber) | 1.3 ग्राम | 5% |
वसा (Fat) | 0.4 ग्राम | 1% |
प्रोटीन (Protein) | 0.4 ग्राम | 1% |
विटामिन सी (Vitamin C) | 14 मिलीग्राम | 16% |
मैंगनीज (Manganese) | 0.4 मिलीग्राम | 18% |
पोटैशियम (Potassium) | 108 मिलीग्राम | 3% |
ध्यान दें: यह चार्ट वास्तविक पोषण मूल्य फल के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकते हैं।
अन्य पोषक तत्व
मैंगोस्टीन में थोड़ी मात्रा में विटामिन B9 (फोलेट), विटामिन E, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी पाए जाते हैं।
महत्वपूर्ण बातें
- मैंगोस्टीन कम कैलोरी वाला और वसा रहित फल है।
- यह फाइबर का अच्छा स्रोत है जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- मैंगोस्टीन विटामिन सी से भरपूर होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
- मैंगोस्टीन में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।
इस पोषण चार्ट की जानकारी आपको यह समझने में मदद करेगी कि मैंगोस्टीन आपके आहार में एक स्वस्थ अतिरिक्त क्यों हो सकता है।