25 दिसंबर मनाने के पीछे की वजहें

हर साल 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस (Christmas) का पर्व मनाया जाता है। यह दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए यीशु मसीह के जन्म के रूप में मनाया जाता है, लेकिन यह दिन सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

25 दिसंबर को मनाए जाने वाले इस पर्व की शुरुआत और इसके मनाने के पीछे की कई वजहें हैं, जो इतिहास, संस्कृति और धर्म से जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं कि 25 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे क्या कारण हैं।

1. यीशु मसीह का जन्मदिन

क्रिसमस का पर्व सबसे पहले यीशु मसीह के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। यीशु मसीह, जिन्हें ईसाई धर्म में ईश्वर का पुत्र माना जाता है, का जन्म लगभग 2000 साल पहले बैथलहम (अब फिलिस्तीन में) हुआ था। ईसाई धर्म के अनुयायी 25 दिसंबर को यीशु के जन्म को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाते हैं।

हालांकि, यीशु का जन्म वास्तव में 25 दिसंबर को हुआ था या नहीं, इस पर अलग-अलग रायें हैं, लेकिन चौथी सदी में रोम के सम्राट कांस्टेंटाइन ने 25 दिसंबर को यीशु के जन्मदिन के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। इसके बाद से यह दिन क्रिसमस के रूप में मनाया जाने लगा।

2. विंटर सोल्सटिस और सूर्य का पुनर्निर्माण