आ बैल मुझे मार: लघु कथाएँ

1. "घर में ही इतने काम पड़े हैं, चलो दोस्त के घर मदद करने चलते हैं। आ बैल मुझे मार!"

कहानी: रमेश का घर बिखरा पड़ा था, फिर भी वह अपने दोस्त की मदद के लिए निकल पड़ा। नतीजतन, घर में भी नाराजगी और दोस्त से भी मदद नहीं मिली।