चतुर बंदर और जंगल का राजपाट

जंगल में एक हलचल थी। शेर के शासन से ऊबे जानवर अब खुद अपना राजा चुनना चाहते थे। एक बड़ी सभा बुलाई गई, जहाँ हर कोई अपनी राय रखने को बेताब था।

"शेर तो बस अपनी ताकत के बल पर राज करता है," एक हिरण ने अपनी व्यथा सुनाई, "हमें ऐसा राजा चाहिए जो दयालु हो, जो हमारी बात सुने।"