अचानक मेहमान

विक्रम एक व्यस्त व्यापारी था। उसकी दिनचर्या बहुत ही तयशुदा थी। सुबह जल्दी उठना, ऑफिस जाना, काम करना, फिर देर शाम घर लौटना और थका हुआ सो जाना। उसके जीवन में परिवार के लिए ज्यादा समय नहीं था। उसकी पत्नी, श्वेता, एक गृहिणी थी।

एक शाम, ऑफिस से लौटते समय विक्रम को रास्ते में एक छोटा सा लड़का मिला। लड़का भूखा और परेशान लग रहा था। विक्रम को तरस आया और उसने उसे घर ले आया। श्वेता को अचानक मेहमान देखकर थोड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन उसने लड़के को दया भाव से भोजन कराया।