बंदर, एक ऐसा जानवर जो अपनी चंचलता, शरारत और नकल करने की कला के लिए जाना जाता है। जंगल से लेकर मंदिरों तक, बंदरों की उपस्थिति हर जगह देखने को मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बंदरों की दुनिया में ऐसे कई रहस्य छिपे हैं जो आपको चौंका सकते हैं?
आइए जानते हैं बंदरों से जुड़े 20 रोचक और मज़ेदार तथ्य, जिन्हें पढ़कर आप भी कहेंगे – “वाह, ये तो मुझे नहीं पता था!”
1. इंसानों के सबसे करीबी रिश्तेदार
बंदरों का DNA इंसानों से 93% से 98% तक मेल खाता है। इसीलिए वे हमारी हरकतों की नकल कर सकते हैं।
2. दुनिया भर में 260 से ज्यादा प्रजातियाँ
बंदरों की नई दुनिया (New World) और पुरानी दुनिया (Old World) की अलग-अलग प्रजातियाँ होती हैं। भारत में रीसस मकाक और हनुमान लंगूर आम हैं।
3. कुछ बंदरों की पूंछ नहीं होती
जैसे-जैसे कुछ प्रजातियाँ विकसित हुईं, उनकी पूंछ गायब हो गई। इंसानों और एप्स में भी पूंछ नहीं होती।
4. केले ही नहीं, बंदर कई चीज़ें खाते हैं
बंदर फल, बीज, पत्तियाँ, फूल और यहाँ तक कि कीड़े-मकोड़े भी खाते हैं।
5. पेड़ों पर चलने के लिए खास अंगुलियाँ
बंदर की अंगुलियाँ इस तरह विकसित हैं कि वह आसानी से पेड़ की डालियों को पकड़ सकते हैं।
6. बंदर अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं
मादा बंदर अपने शिशु को छाती से लगाए रहती है और उसका पालन-पोषण करती है।
7. वैज्ञानिक प्रयोगों में उपयोग
बंदरों की बुद्धिमत्ता के कारण उन पर कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं, हालांकि यह विवाद का विषय भी है।
8. बहुत तेज़ और चतुर
कुछ बंदर 30 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं और छोटी-छोटी चीज़ों को भी पकड़ सकते हैं।
9. बंदर संवाद करते हैं
वे अलग-अलग आवाज़ों, हावभाव और चेहरे के भावों से एक-दूसरे से संवाद करते हैं।
10. कुछ बंदर खुद को आईने में पहचान सकते हैं
यह क्षमता बहुत कम जानवरों में होती है, लेकिन चिंपांज़ी और बोनोबो में पाई जाती है।
11. बंदर इंसानों की आवाज़ की नकल भी कर सकते हैं
कुछ बंदर जैसे कि गिबन और ओरंगुटान इंसानी आवाज़ों और टोन की नकल कर सकते हैं। यह उनकी उच्च स्तर की श्रवण और ध्वनि-स्मृति क्षमता को दर्शाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह व्यवहार संचार के विकास की शुरुआत की झलक देता है।
12. बंदर अन्य जानवरों से अलग
शोध में पाया गया है कि बंदर भी सपनों या कल्पनाओं जैसी मानसिक गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं। वे योजनाएं बना सकते हैं और चीजों की कल्पना कर सकते हैं — यह उन्हें अन्य जानवरों से अलग बनाता है।
13. कुछ बंदर समय की समझ रखते हैं
बंदरों को यह एहसास होता है कि कौन-सी घटना पहले हुई थी और कौन-सी बाद में। वे भविष्य की योजना बना सकते हैं, जैसे कि पहले खाना इकट्ठा करना और बाद में आराम करना।
14. बंदर संगीत की धुनों पर प्रतिक्रिया देते हैं
बंदरों को संगीत पसंद आ सकता है! कई बार देखा गया है कि वे मधुर धुनों पर झूमते हैं या शांत हो जाते हैं। कुछ बंदर तो इंसानी गानों पर ताल भी मिलाते हैं।
15. बंदर दर्पण में खुद को पहचान सकते हैं
यह क्षमता बहुत ही कम जानवरों में होती है। गोरिल्ला और
ओरंगुटान जैसे कुछ बंदर खुद को शीशे में देखकर समझ जाते हैं कि यह उनकी ही छवि है — यह आत्म-जागरूकता (self-awareness) का संकेत है।
16. बंदर औषधीय पौधों का उपयोग करते हैं
कुछ बंदर बीमार होने पर खास पौधों के पत्ते खाते हैं या अपने शरीर पर रगड़ते हैं। यह
प्राकृतिक चिकित्सा (self-medication) की एक बेजोड़ मिसाल है।
17. बंदर खेल खेलते हैं, केवल मौज के लिए
बंदर सिर्फ ज़रूरतों के लिए ही नहीं, बल्कि मस्ती और आनंद के लिए भी खेल खेलते हैं। वे झूलते हैं, एक-दूसरे को पकड़ते हैं और कई बार छुपा-छुपाई जैसा व्यवहार करते हैं।
18. बंदर इंसानों के हाव-भाव की नकल करते हैं
कई बार
बंदर इंसानों की गतिविधियाँ जैसे हाथ हिलाना, सिर हिलाना, या हँसने जैसी क्रियाओं की नकल करते हैं। यह नकल उनकी सामाजिक सीखने की क्षमता को दर्शाती है।
19. कुछ बंदर अपने बच्चों को भी सिखाते हैं
मादा बंदर अपने बच्चों को खाना चुनना, पेड़ पर चढ़ना और समूह के नियम सिखाती हैं। यह शिक्षण व्यवहार दर्शाता है कि उनमें अनुभव साझा करने की प्रवृत्ति होती है।
20. बंदर संकट में एक-दूसरे की मदद करते हैं
जब कोई बंदर घायल हो या संकट में हो, तो समूह के अन्य बंदर उसकी रक्षा करते हैं या उसे खाना लाकर देते हैं। यह सामाजिक सहयोग और करुणा की भावना का प्रमाण है।
निष्कर्ष:
बंदर केवल चंचल या मजाकिया प्राणी नहीं हैं, बल्कि वे बुद्धिमान, भावुक और सामाजिक रूप से परिपक्व जीव हैं। उनकी दुनिया में इंसानों जैसी कई खूबियाँ देखने को मिलती हैं — जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम और वे कितने करीबी हैं।
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