उल्लू: रहस्यमयी और अद्भुत पक्षी
उल्लू एक ऐसा पक्षी है जिसके बारे में अनेक रहस्यमयी मान्यताएँ, धार्मिक कथाएँ और वैज्ञानिक अध्ययन जुड़े हुए हैं। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इसे wisdom, रहस्य और कभी-कभी अंधविश्वास का प्रतीक माना जाता है।
प्राचीन ग्रंथों में उल्लू
हिंदू धर्म में उल्लू माता लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। यह धन और समृद्धि का प्रतीक है। वहीं, पश्चिमी सभ्यताओं में उल्लू को ज्ञान और बुद्धिमत्ता से जोड़ा गया है। ग्रीक देवी एथेना के साथ उल्लू का गहरा संबंध है।
उल्लू की खास आदतें
- उल्लू रात में सक्रिय रहने वाला (Nocturnal) पक्षी है।
- यह अपनी गर्दन को लगभग 270 डिग्री तक घुमा सकता है।
- उल्लू की सुनने की शक्ति बेहद तेज होती है।
- यह बिना आवाज़ किए उड़ने में माहिर है।
वैज्ञानिक दृष्टि से उल्लू
Science मानता है कि उल्लू की आँखें tubular होती हैं, इसी कारण यह अंधेरे में भी साफ देख सकता है। इनके कान असमान आकार के होते हैं, जिससे यह शिकार की हल्की सी आवाज़ भी पहचान लेता है।
भारत में उल्लू से जुड़ी मान्यताएँ
भारत में उल्लू को कभी शुभ तो कभी अशुभ माना जाता है। दिवाली के समय उल्लू को माता लक्ष्मी से जोड़कर पूजा जाता है। वहीं गाँवों में इसे कभी-कभी अपशकुन भी माना जाता है।
👉 उल्लू का महत्व केवल अंधविश्वास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पारिस्थितिकी तंत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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