परिचय
हम सभी कभी न कभी खुद से बात करते हैं। कभी दिमाग में तो कभी ज़ुबान पर। बहुत लोग सोचते हैं कि खुद से बातें करना पागलपन की निशानी है, लेकिन सच यह है कि यह पूरी तरह normal है और mental health के लिए बहुत फायदेमंद भी है।
खुद से बात करना क्या है?
खुद से बात करना यानी Self-talk। यह हमारी inner conversation होती है, जिसमें हम अपने विचारों, भावनाओं और experiences को खुद से discuss करते हैं। यह positive भी हो सकती है और negative भी।
Positive aur Negative Self-talk
- Positive Self-talk: जब आप खुद को motivate करते हैं, हिम्मत देते हैं और आशावादी बातें करते हैं।
- Negative Self-talk: जब आप खुद को दोष देते हैं, डराते हैं या खुद को कमजोर मानते हैं।
Self-talk aur Mental Health ka Connection
Research बताती है कि regular positive self-talk करने वाले लोगों में stress कम होता है, confidence ज़्यादा होता है और वे depression से जल्दी recover कर जाते हैं।
खुद से बात करने के फायदे
- Stress कम होता है: खुद से बातें करने से मन हल्का होता है।
- Confidence बढ़ता है: खुद को motivate करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
- Decision-making आसान: दिमाग clear होता है और सही फैसले लेने में मदद मिलती है।
- Focus बेहतर: काम पर ध्यान केंद्रित करना आसान होता है।
- Negative thoughts control: खुद को समझाकर हम negativity से बाहर आते हैं।
Examples
जैसे – exam से पहले कहना, "मैं यह कर सकता हूँ" या किसी मुश्किल समय में खुद से कहना, "सब ठीक हो जाएगा।"

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