भारत ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वर्ल्ड बैंक के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसने जापान को पीछे छोड़ दिया है। यह सिर्फ आंकड़ों की जीत नहीं, बल्कि एक विशाल जनसंख्या के आत्मविश्वास, मेहनत और नीतिगत दिशा का परिणाम है।
आइए जानते हैं कि भारत ने यह मुकाम कैसे हासिल किया, इसके पीछे कौन से कारक हैं और इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।
भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति
नाममात्र GDP (Nominal GDP): $3.7 ट्रिलियन (2025 तक अनुमानित)
स्थायी मूल्य पर GDP (PPP): $13+ ट्रिलियन (दूसरे स्थान पर)
विकास दर (GDP Growth): 6.5% – 7% (विश्व में सबसे तेज़)
भारत ने जापान और जर्मनी जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए इस स्थान पर कब्जा जमाया है। इसकी वजह है निरंतर विकास, मजबूत उपभोग आधारित बाज़ार, टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर की उन्नति।
किन कारणों से भारत बना चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था?
1. जनसंख्या और खपत आधारित अर्थव्यवस्था
भारत की 1.4 अरब से अधिक आबादी खुद में एक बाज़ार है।
बढ़ता मिडिल क्लास, शहरीकरण और डिजिटल पेनेट्रेशन ने खपत को नया आयाम दिया है।
2. सेवा क्षेत्र (Service Sector) की ताकत
भारत का IT और BPO उद्योग वैश्विक कंपनियों की रीढ़ बन गया है।
TCS, Infosys, Wipro जैसी कंपनियाँ आज दुनिया भर में सेवाएँ दे रही हैं।
3. स्टार्टअप और डिजिटल इंडिया की लहर
भारत में हर महीने दर्जनों नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं।
UPI, डिजिटल भुगतान, ONDC और इंडिया स्टैक जैसी पहलों ने आर्थिक गतिविधियों को तेज किया है।
4. विदेशी निवेश और ग्लोबल भरोसा
भारत में हो रहा FDI (Foreign Direct Investment) लगातार बढ़ रहा है।
‘Make in India’ जैसे अभियानों ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में प्रेरित किया।
5. नीतिगत सुधार (Policy Reforms)
GST, IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) और DBT (Direct Benefit Transfer) जैसी नीतियों ने ट्रांसपेरेंसी और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाया।

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