गिलहरियों की दुनिया: चंचल जीव और उनकी खासियतें
गिलहरी (Squirrel) छोटे, प्यारे और फुर्तीले जीव हैं जो पार्क, जंगल और हमारे आस-पास के पेड़ों पर आसानी से दिखाई दे जाते हैं। इनकी लंबी पूंछ और चंचल हरकतें इन्हें बच्चों और बड़ों, दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाती हैं। चलिए जानते हैं गिलहरियों की प्रजातियां, आहार, व्यवहार और हमारे पर्यावरण में उनकी भूमिका।
गिलहरियों की विभिन्न प्रजातियाँ
दुनिया में गिलहरियों की 280 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में भी कई अनोखी species देखने को मिलती हैं:
- भारतीय छछुंदर (Indian Palm Squirrel): सबसे आम गिलहरी, भूरी पीठ और सफेद पेट के साथ।
- भारतीय विशालकाय गिलहरी (Indian Giant Squirrel): सबसे बड़ी प्रजाति, गहरे भूरे रंग और सफेद धारियों के साथ।
- इंडियन पाइगमी गिलहरी: भारत की सबसे छोटी गिलहरी, आंखों के नीचे सफेद धब्बों के साथ।
गिलहरियों का आहार (Squirrel Food Habits)
गिलहरी omnivores यानी सर्वाहारी होती हैं। ये बीज, फल, मेवे, कीड़े और छोटे पक्षियों के अंडे तक खा लेती हैं। इन्हें सर्दियों के लिए भोजन store करने की आदत होती है। अक्सर आप इन्हें अपने cheeks में ठुसे हुए मेवे ले जाते देख सकते हैं।
गिलहरियों का व्यवहार और जीवनशैली
गिलहरी दिन के समय सबसे ज्यादा सक्रिय होती हैं। ये पेड़ों पर तेजी से climb और jump कर सकती हैं। उनकी लंबी पूंछ उन्हें संतुलन बनाने में मदद करती है। हालांकि ज्यादातर गिलहरी अकेली रहती हैं, लेकिन कई बार इन्हें pairs या छोटे समूहों में भी देखा जाता है।
हमारी जिंदगी और पर्यावरण में गिलहरियों का महत्व
गिलहरियां सिर्फ cute दिखने वाले जीव नहीं हैं बल्कि nature balance बनाए रखने में अहम रोल निभाती हैं।
- पेड़ों पर चढ़ते समय उनके फर में बीज चिपक जाते हैं और अलग-अलग जगह गिरकर new tree growth में मदद करते हैं।
- ये कई शिकारी पक्षियों और जानवरों के लिए important food source हैं।
गिलहरियों का संरक्षण (Squirrel Conservation)
शहरीकरण और जंगलों की कटाई से गिलहरियों का प्राकृतिक आवास कम होता जा रहा है। इन्हें बचाने के लिए:
- अधिक पेड़ लगाएं और पेड़ों की कटाई रोके।
- पार्कों में गिलहरियों को disturb न करें।
- उनके भोजन के स्रोत को सुरक्षित रखें।
गिलहरी: पार्क की चंचल राजकुमारी के 20 रोचक तथ्य
- गिलहरी की लंबी पूंछ उसके संतुलन में मदद करती है।
- ये अपने भोजन को जमीन में hide करके बाद में ढूंढ निकालती हैं।
- कुछ प्रजातियां हवा में कूदते समय दिशा बदल सकती हैं।
- Indian Palm Squirrel 48 km/h की रफ्तार से दौड़ सकती है।
- ये ऊंची आवाज़ें और click sounds से बातचीत करती हैं।
- अपने शरीर के आकार से 6 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं।
- इनकी याददाश्त बेहतरीन होती है और महीनों बाद भी छिपाया खाना ढूंढ लेती हैं।
- गिलहरी पत्तियों और टहनियों से घोंसले बनाती हैं।
- सर्दियों के लिए बीज और मेवे जमा करती हैं।
- कुछ संस्कृतियों में इन्हें पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता है।
- गिलहरी सर्वाहारी होती हैं – फल, फूल, कीड़े, अंडे सब खा लेती हैं।
- कुछ प्रजातियां रात में भी भोजन खोजने निकलती हैं।
- इनके कान चारों तरफ घूम सकते हैं ताकि खतरे का पता चल सके।
- माँ गिलहरी अपने बच्चों को बहुत प्यार और सुरक्षा देती है।
- बच्चे आपस में खेलकर skills develop करते हैं।
- ज्यादातर गिलहरी अकेली रहती हैं।
- पूंछ का इस्तेमाल वे signals देने में करती हैं।
- ये 50 से ज्यादा पेड़ों को पहचान सकती हैं।
- गिलहरी कई प्रकार की आवाजें निकाल सकती हैं।
- ये environment protector हैं क्योंकि बीज फैलाती हैं।
गिलहरी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
| सुविधा | विवरण |
|---|---|
| आवास | पेड़, जंगल, पार्क, चट्टानें |
| आहार | मेवे, बीज, फल, कीड़े, छोटे पक्षियों के अंडे |
| विशेषताएं | फुर्तीली, तेज दिमाग, लंबी पूंछ |
| प्रजातियां | 280 से अधिक |
| स्थान | पूरी दुनिया, भारत में भी |
| संतान | एक बार में 2-4 बच्चे |
| आयु | जंगली में 6-10 साल, पालतू में 12 साल |
| संवाद | ऊंची आवाज़ें, क्लिक, भौंक |
| शिकारी | सांप, बाज, लोमड़ी |
| भूमिका | पेड़ों पर बीज फैलाना |

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