दरियाई घोड़ा: धरती पर चलने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्तनपायी! अनोखे और रोचक तथ्य
दरियाई घोड़ा, जिसे अक्सर "हिप्पो" के नाम से जाना जाता है, अफ्रीका की नदियों और झीलों में पाया जाने वाला एक विशाल और प्रभावशाली स्तनपायी प्राणी है. आइए, इस जलपरी से मिलते-जुलते दिखने वाले जीव के बारे में रोचक जानकारी हासिल करें:

रोचक तथ्य Last Update Sat, 14 December 2024, Author Profile Share via
धरती पर चलने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्तनपायी
विशाल काया:
- एक दरियाई घोड़े का वजन 3 से 4 टन तक हो सकता है और लंबाई 14 फीट तक हो सकती है.
- नर दरियाई घोड़े मादाओं से बड़े होते हैं.
- उनके शरीर भारी और मोटे होते हैं, लेकिन चौड़े पैरों की वजह से वे दलदली इलाकों में भी आसानी से चल पाते हैं.
जल प्रेम:
- यद्यपि "दरियाई घोड़ा" नाम दिया गया है, ये ज्यादातर समय पानी में ही बिताते हैं.
- दिन के समय ये नदियों और झीलों में रहना पसंद करते हैं. पानी उन्हें ठंडा रखने और धूप से बचने में मदद करता है.
- रात के समय ये चरने के लिए बाहर निकलते हैं.
क्या खाते हैं दरियाई घोड़े:
- दरियाई घोड़े शाकाहारी होते हैं और मुख्य रूप से घास, जलीय पौधे और फल खाते हैं.
- रात में ये बड़ी मात्रा में भोजन (लगभग 50 किलो तक) ग्रहण कर सकते हैं.
स्वभाव:
- दरियाई घोड़े आम तौर पर शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए आक्रामक हो सकते हैं.
- नर दरियाई घोड़े आपस में वर्चस्व की लड़ाई भी करते हैं, जिसमें उनके बड़े दांत अहम भूमिका निभाते हैं.
परिवारिक जीवन:
- दरियाई घोड़े झुंड में रहते हैं, जिनमें ज्यादातर मादाएं और उनके बच्चे होते हैं.
- एक झुंड में 20 से 40 दरियाई घोड़े हो सकते हैं.
- मादाएं लगभग 8 महीने के गर्भधारण के बाद एक बछड़े को जन्म देती हैं.
दुर्लभ प्रजाति:
- दुर्भाग्य से, दरियाई घोड़ों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.
- शिकार और उनके रहने के वातावरण में बदलाव इसके मुख्य कारण हैं.
संरक्षण के प्रयास:
- दरियाई घोड़ों के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें शिकार पर रोक और उनके रहने के स्थानों की सुरक्षा शामिल है.
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दरियाई घोड़े के बारे में रोचक तथ्य
दरियाई घोड़ा (Hippopotamus) अफ्रीका की नदियों और झीलों का राजा है। अपने भारी-भरकम शरीर और ताकतवर जबड़े के लिए जाना जाता ये जीव अपने आप में एक विचित्र प्राणी है. आइए जानें दरियाई घोड़े से जुड़े कुछ अनोखे और रोचक तथ्य:
लाल पसीना: दरियाई घोड़ों का पसीना लाल रंग का होता है! ये असल में पसीना नहीं बल्कि एक लाल रंग का तरल पदार्थ होता है जो उनकी त्वचा को सूरज की किरणों से बचाता है और जीवाणुओं से लड़ने में मदद करता है. दूर से देखने पर लगता है मानो वे पसीना बहा रहे हैं.
जमीन पर दौड़ने वाले सबसे तेज इनमें से एक: भारी भरकम शरीर देखकर धोखा न खाएं! दरियाई घोड़े कम दूरी के लिए काफी तेज दौड़ सकते हैं. आक्रोशित होने पर वे लगभग 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं.
जलीय जीवन का प्यार: हालांकि "दरियाई घोड़ा" नाम दिया गया है, ये ज़मीन पर भी रह सकते हैं, लेकिन उन्हें पानी से बेइंतहा प्यार है. वे अपना ज्यादातर समय पानी में ही गुजारना पसंद करते हैं. पानी उन्हें ठंडा रखने और धूप से बचने में मदद करता है.
चौंका देने वाला जम्हाई: दरियाई घोड़े का जम्हाई लेना किसी तमाशे से कम नहीं होता! वे अपना जबड़ा इतना चौड़ा खोल सकते हैं कि एक इंसान आराम से उसके मुंह के अंदर खड़ा हो सकता है! उनका मुंह लगभग 180 डिग्री तक खुल सकता है, जो जीव जगत में सबसे चौड़ा मुंह खोलने वालों में से एक है.
तेज दांतों वाले योद्धा: दरियाई घोड़े शाकाहारी होते हैं, लेकिन उनके दांत कमज़ोर नहीं होते. उनके सामने के निचले दांत लगातार बढ़ते रहते हैं और लगभग 15 इंच तक लंबे हो सकते हैं. ये दांत उनके क्षेत्र की रक्षा करने और नरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
रात के भोजन: दिन के समय दरियाई घोड़े आमतौर पर पानी में रहते हैं और ज्यादा सक्रिय नहीं होते. लेकिन, रात होते ही ये चरने के लिए बाहर निकलते हैं. वे एक रात में लगभग 50 किलोग्राम तक घास और पौधे खा सकते हैं!
जन्म देने का अनोखा तरीका: दरियाई घोड़े आमतौर पर पानी में ही बच्चे को जन्म देते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नवजात शिशु पानी में तैरने में सक्षम होता है. मादा दरियाई घोड़े लगभग 8 महीने के गर्भधारण के बाद एक बछड़े को जन्म देती हैं.
- अद्भुत सुनने की शक्ति: भले ही दरियाई घोड़ों के कान छोटे होते हैं, उनकी सुनने की क्षमता काफी तेज होती है. वे पानी के अंदर भी काफी दूर से आवाज सुन सकते हैं. यह शिकारियों से बचने और एक दूसरे से संपर्क करने में उनकी मदद करता है.
गुप्त संचार: दरियाई घोड़े पानी के अंदर एक दूसरे से बात करने के लिए ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल करते हैं. ये ध्वनि तरंगें हमारी सुनने की सीमा से बहुत नीचे होती हैं, इसलिए हम इन्हें सुन नहीं पाते. वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ध्वनि तरंगों के जरिए वे क्षेत्र की रक्षा, संभोग और खतरे के बारे में जानकारी देते हैं.
मलमूत्र का अनोखा उपयोग: दरियाई घोड़े का मलमूत्र उनके लिए एक तरह का "स्टेटस सिंबल" होता है. नर दरियाई घोड़े अपने पूंछ को हिलाते हुए मल-मूत्र को पानी में घोलते हैं. इस तरह वे अपने क्षेत्र को दूषित कर यह जताते हैं कि यह उनका इलाका है. मादाएं इस गंध के आधार पर नर का चुनाव भी करती हैं, जितनी तेज गंध, उतनी ताकत का प्रदर्शन!
मगरमच्छों से भीषण लड़ाई: भले ही दरियाई घोड़े शाकाहारी होते हैं, वे अपने इलाके की रक्षा के लिए काफी आक्रामक हो सकते हैं. यहां तक कि ताकतवर मगरमच्छों को भी वे चुनौती देते हैं. दरियाई घोड़ों के बड़े दांत और जबड़े मगरमच्छों के लिए भी खतरा बन सकते हैं. हालांकि, यह हमेशा दरियाई घोड़ों की ही जीत हो, ऐसा भी नहीं है.
जीवन भर बढ़ते रहने वाले दांत: जैसा कि हम जानते हैं, दरियाई घोड़ों के सामने वाले निचले दांत काफी लंबे होते हैं और लगातार बढ़ते रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके ऊपरी नुकीले दांत भी लगातार बढ़ते रहते हैं? ये ऊपरी दांत निचले दांतों को तेज रखने में मदद करते हैं.
सूर्य स्नान का अनोखा तरीका: दरियाई घोड़ों को धूप सेंकना (Sunbathing) बहुत पसंद होता है, लेकिन उनकी मोटी त्वचा जल्दी जल जाती है. इस समस्या से बचने के लिए वे मिट्टी या गंदगी में लोट लगा लेते हैं. यह लाल रंग की मिट्टी सूर्य की किरणों को रोकने में सनस्क्रीन की तरह काम करती है.
बुद्धिमान प्राणी: हाल के अध्ययनों से पता चला है कि दरियाई घोंटे बुद्धिमान प्राणी हो सकते हैं. वे रास्तों को याद रख सकते हैं, खतरे का आभास कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ सहयोग भी कर सकते हैं.