गोब्लिन शार्क (Living Fossil) समुद्र की रहस्यमयी और दुर्लभ प्रजाति
समुद्र की गहराइयों में कई ऐसे जीव छिपे हुए हैं जिनके बारे में इंसान अभी भी बहुत कम जानता है। गोब्लिन शार्क (Goblin Shark) इन्हीं में से एक रहस्यमयी मछली है जिसे अक्सर "जीवित जीवाश्म" (Living Fossil) कहा जाता है। इसकी अजीबोगरीब शक्ल, लंबे जबड़े और तेज़ दांतों की वजह से यह समुद्री वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का अनोखा विषय बन चुकी है।
गोब्लिन शार्क का परिचय
गोब्लिन शार्क का वैज्ञानिक नाम Mitsukurina owstoni है। यह प्रजाति पहली बार 1898 में जापान के तट पर खोजी गई थी। इसका शरीर गुलाबी और ग्रे रंग का होता है तथा इसका सबसे अनोखा हिस्सा है – इसका आगे की ओर निकला हुआ जबड़ा।
- वैज्ञानिक नाम: Mitsukurina owstoni
- क्लास: Chondrichthyes (cartilaginous fishes)
- फैमिली: Mitsukurinidae
- औसत लंबाई: 3 से 4 मीटर
- जीवनकाल: लगभग 60 साल तक
- स्थान: गहरे समुद्री जल (100 से 1200 मीटर गहराई)
गोब्लिन शार्क की शारीरिक विशेषताएं
इस शार्क का सबसे खास पहलू है इसका लंबा और चोंच जैसा थूथन (Snout)। इसके अलावा इसके जबड़े बेहद तेज़ दांतों से भरे होते हैं जो शिकार को पकड़ने और चीरने में मदद करते हैं।
मुख्य विशेषताएं:
- लंबा और बाहर निकलने वाला जबड़ा।
- तेज़ और पतले दांत।
- गुलाबी-ग्रे त्वचा।
- धीमी गति से तैरना।
- गहरे समुद्र की अंधेरी दुनिया में रहना।
गोब्लिन शार्क कहाँ पाई जाती है?
यह शार्क अटलांटिक, प्रशांत और हिंद महासागर की गहराइयों में पाई जाती है। आमतौर पर इसे जापान, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के तटों पर देखा गया है। गोब्लिन शार्क इतनी गहराई में रहती है कि इंसानों को इसके दर्शन बहुत ही दुर्लभ रूप से होते हैं।
गोब्लिन शार्क का भोजन
गोब्लिन शार्क का शिकार करने का तरीका बेहद अनोखा है। यह अचानक अपने जबड़े को आगे निकालकर शिकार को पकड़ लेती है। इसका जबड़ा बाहर की ओर 2 गुना लंबा खिंच सकता है। यह मुख्य रूप से मछलियां, स्क्विड, झींगा और गहरे समुद्र के क्रस्टेशियंस खाती है।
गोब्लिन शार्क को "Ambush Predator" कहा जाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे तैरते हुए अचानक शिकार पर हमला करती है।
गोब्लिन शार्क का जीवनकाल
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार गोब्लिन शार्क का औसत जीवनकाल लगभग 60 साल तक हो सकता है। इसका विकास दर धीमा होता है और यह प्रजाति देर से प्रजनन करती है।
गोब्लिन शार्क और इंसान
चूंकि यह शार्क गहरे समुद्र में रहती है, इसलिए यह आमतौर पर इंसानों के संपर्क में नहीं आती। अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि यह शार्क इंसानों के लिए खतरनाक है। इसके बावजूद, इसकी रहस्यमयी शक्ल देखकर लोग इसे अक्सर डरावना समझ लेते हैं।
गोब्लिन शार्क क्यों खास है?
- यह एक लिविंग फॉसिल है।
- इसका शिकार करने का तरीका अनोखा है।
- यह समुद्र की गहराइयों की बेहद दुर्लभ प्रजाति है।
- इसकी खोज बहुत ही कम होती है, जिससे यह और भी रहस्यमयी बन जाती है।
गोब्लिन शार्क से जुड़े रोचक तथ्य
- इसके जबड़े इंसान के जबड़े से 10 गुना तेज़ी से आगे बढ़ सकते हैं।
- इसकी त्वचा इतनी पारदर्शी होती है कि खून की नसें दिखाई देती हैं।
- यह शार्क धीरे-धीरे तैरती है लेकिन अचानक हमला करती है।
- वैज्ञानिक इसे डायनासोर युग का जीव मानते हैं।
संरक्षण की स्थिति
IUCN (International Union for Conservation of Nature) के अनुसार, गोब्लिन शार्क को Least Concern श्रेणी में रखा गया है। इसका कारण यह है कि यह दुर्लभ होने के बावजूद फिलहाल विलुप्ति के खतरे में नहीं है। हालांकि, गहरे समुद्री मछली पकड़ने और प्रदूषण से इसका प्राकृतिक आवास प्रभावित हो सकता है।
गोब्लिन शार्क एक रहस्यमयी और दुर्लभ समुद्री प्रजाति है, जिसने वैज्ञानिकों और आम लोगों दोनों की जिज्ञासा को बढ़ाया है। इसकी अनोखी शारीरिक संरचना और शिकार करने की तकनीक इसे अन्य शार्क प्रजातियों से अलग बनाती है। समुद्र की गहराइयों में छिपा यह जीव आने वाले समय में हमें समुद्री जीवन के बारे में और भी अद्भुत जानकारियां दे सकता है।

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