आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार: Shankaracharya Quotes in Hindi

आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार और उद्धरण जानिए, जो जीवन, भक्ति, आत्मज्ञान और अद्वैत वेदांत का गहन संदेश देते हैं। पढ़ें प्रेरणादायक Shankaracharya Quotes in Hindi।

आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार: Shankaracharya Quotes in Hindi

आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) ने वेदांत दर्शन (Advaita Vedanta) को सरल और गहन ढंग से समझाया। उनकी रचनाओं और प्रवचनों से कई महत्त्वपूर्ण बातें मिलती हैं। यहाँ उनकी कही हुई कुछ प्रमुख बातें दी जा रही हैं:

आदि शंकराचार्य के विचार

अद्वैत का सिद्धांत

👉 "ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या, जीवो ब्रह्मैव नापरः।"

(ब्रह्म ही सत्य है, जगत मिथ्या है और जीव वास्तव में ब्रह्म ही है, उससे अलग नहीं।)

ज्ञान और मुक्ति पर

👉 "ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग है। अज्ञान ही सभी दुखों की जड़ है।"

ईश्वर और आत्मा पर

👉 "आत्मा न जन्म लेता है, न मरता है। वह शाश्वत, अविनाशी और सर्वव्यापी है।"

माया पर

👉 "माया वह शक्ति है जो वास्तविक ब्रह्म को ढक देती है और हमें इस संसार को वास्तविक मानने पर मजबूर करती है।"

भक्ति और साधना पर

👉 "भक्ति, ज्ञान का ही एक रूप है। ईश्वर की शरण लेना आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।"

सत्संग पर

👉 "सत्संग से वैराग्य आता है, वैराग्य से शांति मिलती है, शांति से आत्मज्ञान और आत्मज्ञान से मुक्ति।"

स्वयं को पहचानने पर

👉 "तत्त्वमसि – तू वही है। जो परम सत्य है वही तू है।"

धर्म और आचरण पर

👉 "धर्म केवल कर्मकांड में नहीं, बल्कि सत्य, अहिंसा, करुणा और आत्मसंयम में है।"

जीवन का लक्ष्य

👉 "मानव जीवन का परम उद्देश्य आत्मा और परमात्मा की एकता को अनुभव करना है।"

लोभ और मोह पर

👉 "धन, यश, पदवी – ये सब क्षणिक हैं। केवल आत्मज्ञान ही अमर है।"

आदि शंकराचार्य के अनमोल विचार

सच्चा ज्ञान

👉 “सच्चा ज्ञान वही है जो हमें आत्मा और परमात्मा की एकता का अनुभव कराए।”

मन की शक्ति

👉 “मनुष्य का मन ही उसका मित्र है और मन ही उसका शत्रु।”

संन्यास और वैराग्य

👉 “वैराग्य संसार से भागना नहीं है, बल्कि मोह से मुक्त होकर कर्तव्य निभाना है।”

भक्ति का स्वरूप

👉 “भक्ति का अर्थ है – अपने अहंकार को मिटाकर ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण।”

जीवन की नश्वरता

👉 “संसार की सभी वस्तुएँ क्षणभंगुर हैं। केवल आत्मा ही शाश्वत है।”

ध्यान का महत्व

👉 “ध्यान ही वह साधन है जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।”

सुख-दुख का रहस्य

👉 “सुख और दुख मन की अवस्थाएँ हैं। आत्मा इन सबसे परे है।”

कर्तव्य पर

👉 “कर्तव्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है।”

अज्ञान और बंधन

👉 “अज्ञान ही बंधन है और ज्ञान ही मुक्ति।”

आत्मा की पहचान

👉 “जब तक तुम स्वयं को केवल शरीर मानते हो, तब तक बंधन है। जैसे ही आत्मा को पहचानते हो, मुक्ति मिलती है।”

Frequently Asked Questions

Adi Shankaracharya ek mahan darshanik, Vedantacharya aur sant the. Unhone Advaita Vedanta ka prachaar kiya aur Bharat ke dharm aur darshan ko ek sutra me baandha.

Unke vichar mukhyatah jeevan, bhakti, gyaan, maya aur atma-tatva par kendrit hote hain.

Ye vichar insaan ko maya ke moh se mukti, sahi disha me jeevan jeene aur atmagyan prapt karne ke liye prerit karte hain.

Shankaracharya maante the ki bhakti aur gyaan ek doosre ke poornak hain. Bhakti bina gyaan adhoora hai aur gyaan bina bhakti nirarthak hai.

Unke anusar Atma anant, amar aur nitya hai. Sharir aur man ka vinaash ho sakta hai par Atma kabhi nahi marta.

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