परिचय
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान का प्रतीक है। हिंदी दिवस का उद्देश्य लोगों को अपनी मातृभाषा के महत्व के प्रति जागरूक करना है। इस अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकारों, स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उनके छोटे-छोटे कोट्स आज भी हमें प्रेरणा देते हैं।
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। उसी की याद में यह दिन Hindi Diwas के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह हमें अपनी जड़ों और सांस्कृतिक विरासत की ओर लौटने की प्रेरणा देता है।
महापुरुषों के हिंदी दिवस पर अनमोल विचार
- महात्मा गांधी: "राष्ट्र की पहचान उसकी मातृभाषा से होती है।"
- मुंशी प्रेमचंद: "हिंदी जनता की भाषा है, यह दिलों को जोड़ती है।"
- अटल बिहारी वाजपेयी: "हिंदी मेरे लिए आत्मा की आवाज़ है।"
- रामधारी सिंह दिनकर: "हिंदी का सम्मान करना अपने स्वाभिमान का सम्मान करना है।"
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद: "हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।"
हिंदी और हमारी पहचान
Hindi language सिर्फ communication का माध्यम नहीं बल्कि Indian identity की धड़कन है। यह हमें अलग-अलग states, cultures और traditions को जोड़ने का काम करती है। इसी वजह से leaders और साहित्यकारों ने इसे राष्ट्रभाषा बनाने की वकालत की थी।
Hindi Diwas Quotes in Hinglish
- "Hindi hamari aatma ki bhasha hai." – Atal Bihari Vajpayee
- "Hindi rashtra ko jodne wali language hai." – Munshi Premchand
- "Matribhasha ka samman hi rashtra ka samman hai." – Mahatma Gandhi
हिंदी का साहित्यिक महत्व
भारतेंदु हरिश्चंद्र, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन और प्रेमचंद जैसे महान साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को समृद्ध बनाया। हिंदी दिवस पर उनके विचार हमें भाषा की ताकत और महत्व का एहसास कराते हैं।

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