सूखे जंगल की छोटी चिड़िया
एक सूखे हुए जंगल में चिड़िया रहती थी. हर साल बारिश न होने से जंगल सूखा रहता और चिड़िया को पानी ढूंढने में बहुत मुश्किल होती. एक दिन जंगल में आग लग गई. चारों तरफ आग ही आग फैल रही थी. चिड़िया घबरा गई, पर तभी उसे एक उम्मीद दिखी. दूर एक छोटा तालाब था.
हिम्मत और उम्मीद
चिड़िया ने सोचा, "शायद मैं इस तालाब से पानी लाकर आग बुझा सकूं." लेकिन तालाब बहुत दूर था और उसकी चोंच में पानी की सिर्फ एक बूंद ही समा सकती थी. दूसरे जानवरों ने चिड़िया को रोकने की कोशिश की और कहा, " इतनी छोटी चोंच में पानी लाकर तुम आग कैसे बुझा पाओगी? ये तो बेकार है."
पर चिड़िया ने उनकी बात नहीं मानी. वह बार-बार तालाब जाती, अपनी चोंच में पानी भरती और आग पर डालती. जानवर हंसते रहे, पर चिड़िया हार नहीं मानी. वह लगातार अपना काम करती रही.
सफलता की राह
देखते ही देखते रात हो गई. आग धीमी पड़ने लगी. जानवर हैरान थे. सुबह होते-होते आग पूरी तरह से बुझ चुकी थी. जंगल बच गया था. सब जानवर चिड़िया के पास आए और उसका शुक्रिया अदा किया. उन्होंने सीखा कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि हिम्मत और लगन से छोटा सा प्रयास भी बड़ा काम कर सकता है.

Comments (0)