खूनी मंदिर की दास्तान: एक पत्रकार की डरावनी कहानी! Short Horror Story in Hindi

Short Hindi Horror Story: एक वीरान मंदिर, घने जंगल के बीच छिपा, जहाँ कोई भी जाने की हिम्मत नहीं करता। क्या हुआ जब एक जिज्ञासु पत्रकार ने इस मंदिर के रहस्यों से पर्दा उठाने की ठानी? अंदर दाखिल होते ही उसकी दुनिया अंधेरे और डरावनी सच्चाइयों से भर गई। क्या वह जीवित वापस लौट पाया, या उसने कुछ ऐसा देखा जिसे वह कभी भुला नहीं सकेगा?

खूनी मंदिर की दास्तान: एक पत्रकार की डरावनी कहानी! Short Horror Story in Hindi

खूनी मंदिर की दास्तान डरावनी कहानी

घने जंगल के बीचों-बीच एक छोटा सा मंदिर था। यह मंदिर सालों से वीरान पड़ा था और गाँववाले इसे "खूनी मंदिर" के नाम से जानते थे। लोग कहते थे कि इस मंदिर में रात के समय कुछ अजीब घटनाएँ होती थीं। कुछ ने तो यह भी दावा किया था कि उन्होंने मंदिर से चीखने की आवाजें सुनी हैं। इस मंदिर के पास रात में कोई भी जाने की हिम्मत नहीं करता था।

रवि, जो कि एक पत्रकार था, इन सब कहानियों पर विश्वास नहीं करता था। उसे हमेशा से रहस्यमयी जगहों की सच्चाई जानने की जिज्ञासा रही थी। उसने तय किया कि वह इस मंदिर के रहस्य का पता लगाएगा। एक दिन, रवि ने अपने कैमरे और टॉर्च के साथ रात के समय मंदिर में जाने का निर्णय लिया।

मंदिर के अंदर

रात का समय था, चाँद बादलों के पीछे छिपा हुआ था, और चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। रवि मंदिर के पास पहुँचा और उसने देखा कि मंदिर की हालत बहुत ही खराब थी। दीवारों पर काई जमा हुई थी और दरवाजे पर जंग लगा हुआ था। रवि ने हिम्मत करके मंदिर का दरवाजा खोला। अंदर का दृश्य डरावना था, मिट्टी से ढके हुए पुराने मूर्तियाँ और धूल-मिट्टी के ढेर।

रवि ने अपने कैमरे को चालू किया और मंदिर के अंदर कदम रखा। जैसे ही वह अंदर गया, मंदिर का दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया। रवि ने इसे हवा का झोंका समझकर नजरअंदाज कर दिया और मंदिर का निरीक्षण करने लगा।

रहस्यमयी घटनाएँ

रवि जैसे-जैसे मंदिर के अंदर आगे बढ़ता गया, उसे अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। उसे लगा कि शायद ये उसकी कल्पना हो सकती हैं। लेकिन जब उसने एक मूर्ति के पीछे से किसी के चलने की आवाज सुनी, तो उसकी धड़कनें तेज हो गईं। उसने टॉर्च की रोशनी उस दिशा में फेंकी, लेकिन वहाँ कुछ नहीं था। अचानक, उसकी टॉर्च बंद हो गई और मंदिर के अंदर घुप्प अंधेरा छा गया।

रवि ने डरते हुए अपने कैमरे की लाइट ऑन की और मंदिर से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन उसे दरवाजा नहीं मिला। जैसे ही वह दरवाजा ढूंढने की कोशिश कर रहा था, उसे अपने पीछे किसी की सर्द सांसें महसूस हुईं। उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।

भूत का सामना

रवि की हिम्मत अब जवाब देने लगी थी। उसने दरवाजे को जोर से धक्का दिया, लेकिन वह नहीं खुला। अचानक, एक ठंडी हवा का झोंका आया और मंदिर के अंदर सभी मूर्तियाँ अचानक हिलने लगीं। रवि ने देखा कि उन मूर्तियों की आँखों से खून जैसा कुछ बह रहा था। अब रवि को समझ में आ गया था कि वह किसी खतरनाक जाल में फँस चुका है।

उसने फिर से दरवाजे को धक्का देने की कोशिश की, लेकिन तभी उसके कानों में किसी के हँसने की डरावनी आवाज गूँजने लगी। यह आवाज किसी महिला की थी, जो बेहद भयानक थी। रवि ने देखा कि मंदिर के बीचों-बीच एक छाया धीरे-धीरे उभरने लगी। वह छाया एक महिला की थी, जिसके चेहरे पर खून के धब्बे थे और उसकी आँखें जल रही थीं।

रवि की चुनौती

रवि ने अपने आपको संभाला और उस छाया से सवाल किया, "तुम कौन हो और क्या चाहती हो?" महिला छाया ने एक कर्कश आवाज में कहा, "यह मंदिर मेरे श्रापित जीवन का घर है। मैं उस महिला की आत्मा हूँ, जिसने यहाँ सालों पहले अपने पति की हत्या की थी। अब मेरी आत्मा को शांति नहीं मिल रही।"

रवि ने पूछा, "मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूँ?" महिला आत्मा ने कहा, "मेरे पति की हत्या के बाद, मैंने उसके शरीर को इसी मंदिर में छुपाया था। अगर तुम उस शरीर को ढूंढकर जलाओगे, तो मेरी आत्मा को शांति मिलेगी।"

रवि ने हिम्मत जुटाई और मंदिर के अंदर वह स्थान ढूंढने लगा जहाँ वह शरीर हो सकता था। बहुत देर की खोज के बाद, उसे मंदिर के एक कोने में एक छुपा हुआ कमरा मिला। कमरे के अंदर एक कंकाल पड़ा था, जिसे देखकर रवि के रोंगटे खड़े हो गए। उसने उस कंकाल को मंदिर के बाहर निकाला और जलाया।

जैसे ही कंकाल जला, महिला की आत्मा ने धन्यवाद दिया और धीरे-धीरे वह धुएं में मिलकर गायब हो गई। मंदिर का दरवाजा खुल गया, और रवि को बाहर का रास्ता मिल गया। वह तेजी से वहाँ से बाहर निकला और गाँव लौट आया।

अगली सुबह, रवि ने उस मंदिर के बारे में गाँववालों को बताया और कहा कि अब वह मंदिर सुरक्षित है। गाँववाले उसकी बातों पर विश्वास नहीं कर पाए, लेकिन रवि जानता था कि उसने एक श्रापित आत्मा को मुक्ति दिलाई थी। उस रात के बाद, वह मंदिर फिर कभी भूतिया नहीं रहा, लेकिन रवि के लिए वह रात जीवनभर की सबसे डरावनी याद बनकर रह गई।

Comments (1)

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Latest comments
  • Deepak Kumar
    Aug 27, 2024 20:56
    Very nice 👍