बिजली का जादूगर: निकोला टेस्ला की अविश्वसनीय कहानी! Nikola Tesla Biography in Hindi
आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे वैज्ञानिक की जिसने बिजली के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए। उनके दिमाग में बिजली के ऐसे-ऐसे नायाब विचार कौदते थे कि वह मानो बिजली का जादूगर ही लगता था। यह शख्स हैं - निकोला टेस्ला!

जीवनी Last Update Mon, 22 July 2024, Author Profile Share via
निकोला टेस्ला वैज्ञानिक की कहानी
टेस्ला का जन्म 10 जुलाई 1856 को सर्बिया (आज का स्लोवाकिया) में हुआ था। बचपन से ही टेस्ला कुछ अलग था। उनकी कल्पनाशीलता अद्भुत थी और वह अक्सर मशीनों और बिजली के प्रयोग किया करते थे। बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और यूरोप में काम किया। लेकिन टेस्ला के सपने बहुत बड़े थे। वह अमेरिका जाना चाहते थे, विद्युत उद्योग के अग्रणी थॉमस एडिसन के साथ काम करने की ख्वाहिश लिए।
अमेरिका पहुंचकर टेस्ला ने एडिसन की कंपनी में काम करना शुरू किया। दोनों की प्रतिभाएँ तो तेज थीं, मगर विचारधाराएँ अलग। एडिसन डायरेक्ट करंट (DC) का समर्थक था, जबकि टेस्ला का मानना था कि भविष्य अल्टरनेटिंग करंट (AC) का है।
दोनों के बीच मतभेद इतना बढ़ गया कि टेस्ला ने अपनी राह बना ली। उन्होंने अपनी खुद की प्रयोगशाला स्थापित की और AC करंट के साथ अविष्कारों की एक श्रृंखला शुरू की। टेस्ला ने वायरलेस तकनीक, रेडियो के शुरुआती रूप, नियॉन रोशनी, और यहां तक कि रिमोट कंट्रोल जैसी चीजों पर काम किया।
टेस्ला के कुछ अविष्कार आज भी हमें चकित करते हैं। उन्होंने एक ऐसा उपकरण बनाया जिससे बिजली के तारों की ज़रूरत नहीं पड़ती थी! टेस्ला कॉयल नाम का यह उपकरण आज भी विज्ञान प्रदर्शनों में दर्शकों को रोमांचित करता है।
हालांकि, टेस्ला को उनके जीवनकाल में उतनी सफलता नहीं मिली जितनी वह हकदार थे। कई अविष्कारों का श्रेय दूसरों को चला गया। फिर भी, टेस्ला ने हार नहीं मानी और निरंतर नई खोजों में जुटे रहे।
1943 में 86 वर्ष की आयु में टेस्ला का न्यूयॉर्क शहर में निधन हो गया। भले ही उन्हें अपने जीवनकाल में वैसा सम्मान नहीं मिला जैसा मिलना चाहिए था, लेकिन आज निकोला टेस्ला को बिजली के क्षेत्र में एक अग्रणी वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया जाता है। उनकी कल्पनाशीलता और अविष्कारों ने हमारी दुनिया को बदल दिया है।
निकोला टेस्ला: एक विज़नरी वैज्ञानिक की गहरी कहानी
निकोला टेस्ला की कहानी बिजली के चमत्कार और अविश्वसनीय सपनों से भरपूर है। पिछले लेख में हमने उनकी जीवन यात्रा की एक झलक देखी थी, आइए अब उनके कुछ अनूठ अविष्कारों और विवादों पर गहराई से नज़र डालें:
एसी करंट का चैंपियन
आज हम अपने घरों में जिस एसी करंट का इस्तेमाल करते हैं, उसके पीछे टेस्ला का अथक प्रयास है। उस समय थॉमस एडिसन डीसी करंट को बढ़ावा दे रहे थे, लेकिन टेस्ला का मानना था कि एसी करंट लंबी दूरी तक बिजली पहुंचाने के लिए कहीं अधिक उपयुक्त है। उन्होंने ट्रांसफॉर्मर का आविष्कार किया, जिससे एसी करंट के वोल्टेज को कम या ज्यादा किया जा सकता है। यह टेस्ला का वो अविष्कार था जिसने बिजली को दूर-दूर तक पहुंचाना संभव बनाया और आधुनिक बिजली व्यवस्था की नींव रखी।
वायरलेस कम्युनिकेशन का अग्रदूत
टेस्ला को विज्ञान जगत में "वायरलेस कम्युनिकेशन का जनक" भी कहा जाता है। उन्होंने 1894 में एक ऐसे उपकरण का प्रदर्शन किया जिससे तारों के बिना ही रेडियो तरंगों का उपयोग करके संदेश भेजा जा सकता था। हालांकि, उस समय टेस्ला के इस अविष्कार को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया गया। कई दशक बाद रेडियो के आविष्कार का श्रेय मार्कोनी को दिया गया, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि टेस्ला के सिद्धांत ही रेडियो की नींव थे।
रहस्यमय टेस्ला कॉयल
टेस्ला कॉयल शायद टेस्ला के सबसे विचित्र और मंत्रमुग्ध करने वाले आविष्कारों में से एक है। यह एक ऐसा ट्रांसफॉर्मर है जो अत्यधिक उच्च वोल्टेज और कम धारा वाली बिजली उत्पन्न करता है। टेस्ला का मानना था कि इस तकनीक का उपयोग वायरलेस तरीके से दुनिया भर में बिजली पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, उनके इस सपने को साकार रूप नहीं दिया जा सका। फिर भी, आज भी टेस्ला कॉयल का उपयोग विज्ञान प्रदर्शनों में किया जाता है और यह दर्शकों को अपनी चमकती बिजली से रोमांचित करता है।
टेस्ला के विवादास्पद विचार
टेस्ला एक विलक्षण प्रतिभा थे, लेकिन उनके कुछ विचार विवादों से घिरे रहे। उनका दावा था कि उन्होंने ब्रह्मांड से संकेत प्राप्त किए हैं और पृथ्वी के चारों ओर एक वैश्विक वायरलेस नेटवर्क बनाने की उनकी योजना को भी कई लोग अव्यावहारिक मानते थे। हालांकि, टेस्ला के कुछ विवादास्पद विचारों को आज के वैज्ञानिकों द्वारा नए सिरे से परखा जा रहा है। उदाहरण के लिए, टेस्ला द्वारा प्रस्तावित कुछ सिद्धांतों को आज के वायरलेस ट्रांसमिशन तकनीक से जोड़ा जा रहा है।
निकोला टेस्ला की विरासत
भले ही टेस्ला को अपने जीवनकाल में वैसा सम्मान नहीं मिला जैसा मिलना चाहिए था, लेकिन आज उन्हें बिजली के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया जाता है। एसी करंट, रेडियो, नियॉन रोशनी और रिमोट कंट्रोल सहित उनके आविष्कारों ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। टेस्ला की कहानी हमें यह सीख देती है कि स्वतंत्र चिंतन, सपने देखने का साहस और निरंतर जिज्ञासा ही सच्ची खोज की ओर ले जाती है।
निकोला टेस्ला: अज्ञात आविष्कार और रहस्यमय प्रयोग
निकोला टेस्ला की कहानी जितनी विद्युत रोशनी से जगमगाती है, उतनी ही अनसुलझे रहस्यों और विवादास्पद दावों से भी भरी पड़ी है। अब तक हमने उनके प्रसिद्ध आविष्कारों को देखा, अब उनकी उन खोजों की दुनिया में झांकते हैं जिनके बारे में कम चर्चा हुई है:
टेलीऑटोमेटन (Teleautomaton): 1898 में टेस्ला ने एक ऐसा रिमोट कंट्रोल बोट का प्रदर्शन किया जिसे उन्होंने "टेलीऑटोमेटन" नाम दिया। यह दुनिया की पहली वायरलेस नियंत्रित नाव थी जिसे रेडियो तरंगों के जरिए चलाया जा सकता था। इस प्रदर्शन ने भविष्य के रिमोट कंट्रोल तकनीक की नींव रखी।
निर्विकिरण किरणें (Death Rays): टेस्ला का दावा था कि उन्होंने एक ऐसा "कण" विकसित किया है जो इतनी तीव्र ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है कि दूर के लक्ष्यों को भी नष्ट कर सकता है। उन्होंने इसे "टेलीफोर्स" नाम दिया, जिसे आज हम "निर्विकिरण किरणें" के नाम से जानते हैं। हालांकि, टेस्ला के इस दावे को कभी साबित नहीं किया जा सका और कई वैज्ञानिक इसे काल्पनिक मानते हैं।
वर्धन धरती (Magnifying Transmitter): टेस्ला का एक और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था "वर्धन धरती।" उनका मानना था कि पृथ्वी को एक विशाल विद्युत परिपथ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और इस तकनीक से दुनिया भर में बिना तारों के ही ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। हालांकि, टेस्ला इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में सफल नहीं हो सके।
कोलोराडो स्प्रिंग्स प्रयोग (Colorado Springs Experiments): 1899 में टेस्ला को कोलोराडो स्प्रिंग्स में एक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता मिली। वहां उन्होंने बिजली के उच्च-वोल्टेज व्यवहार और वायरलेस संचार पर कई प्रयोग किए। इन प्रयोगों के दौरान टेस्ला ने बिजली के चमकने का ऐसा नज़ारा पैदा किया जिसे मीलों दूर से भी देखा जा सकता था। हालांकि, उनके प्रयोगों के सटीक निष्कर्षों को लेकर आज भी कई सवाल खड़े होते हैं।
निकोला टेस्ला की कहानी अधूरे सपनों और अनसुलझे रहस्यों का मिश्रण है। वह एक ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने सपने देखने की हिम्मत की और जिन्होंने अपनी जिज्ञासा से विज्ञान की दिशा बदल दी। भले ही उनके कुछ विचार विवादों में घिरे रहे, लेकिन यह सत्य है कि निकोला टेस्ला ने दुनिया को बदलने का सपना देखा और उन्होंने इसके लिए निरंतर प्रयास किया।
निकोला टेस्ला: विज्ञान से परे... लोकप्रिय संस्कृति में जादूगर
निकोला टेस्ला की कहानी सिर्फ विज्ञान की किताबों तक सीमित नहीं है। उनकी विलक्षण प्रतिभा और रहस्यमय आविष्कारों ने उन्हें लोकप्रिय संस्कृति का एक चमकता सितारा बना दिया है। आइए देखें कैसे टेस्ला का नाम फिल्मों, किताबों, कॉमिक्स और वीडियो गेम्स में जादू बिखेरता है:
एक साइंस फिक्शन हीरो (A Sci-Fi Hero): विज्ञान कथा लेखकों के लिए टेस्ला एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी दूरदृष्टि और अविष्कार भविष्य की दुनिया की कल्पना को जगाते हैं। फिल्मों में "द प्रेस्टीज" और "टेर्मिनेटर" में टेस्ला के कार्यों को संदर्भित किया गया है। टेस्ला को सुपरहीरो के रूप में भी चित्रित किया गया है, कॉमिक्स सीरीज "एच.जी. वेल्स लीग" में वह अलौकिक खतरों से लड़ते हैं।
षड़यंत्र के सिद्धांतों का केंद्र (Center of Conspiracy Theories): टेस्ला के कुछ अनसुलझे प्रयोग और विवादास्पद दावे उन्हें षड़यंत्र के सिद्धांतों का केंद्र बना देते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि टेस्ला ने मुक्त ऊर्जा का रहस्य खोज लिया था जिसे उन्होंने छिपा दिया। वहीं कुछ का कहना है कि टेस्ला एलियंस के संपर्क में थे। हालाँकि इन सिद्धांतों के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, फिर भी ये टेस्ला के रहस्यमय व्यक्तित्व को और रोचक बना देते हैं।
स्टीमपंक आइकन (Steampunk Icon): स्टीमपंक नामक कला और साहित्य की शैली में टेस्ला को अक्सर एक आदर्श के रूप में देखा जाता है। यह शैली भाप के इंजन और विक्टोरियन युग की तकनीक के साथ भविष्य के आविष्कारों का मिश्रण करती है। टेस्ला के अनोखे मशीनों और प्रयोगों ने उन्हें स्टीमपंक शैली का एक लोकप्रिय प्रतीक बना दिया है।
इन्टरनेट का मीम (An Internet Meme): आधुनिक इंटरनेट पर भी टेस्ला की धूम है। उन्हें मीम्स और सोशल मीडिया पर अक्सर याद किया जाता है। उनकी तस्वीरों के साथ चुटकुले और मजेदार Captions वायरल होते रहते हैं। यह दर्शाता है कि टेस्ला न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक थे बल्कि आज के डिजिटल युग में भी उनकी लोकप्रियता बरकरार है।
निकोला टेस्ला की विरासत विज्ञान की प्रयोगशालाओं से निकलकर लोकप्रिय संस्कृति के रंगमंच पर भी अपना जादू बिखेरती है। वह एक वैज्ञानिक होने के साथ-साथ कल्पनाशीलता और सपनों का प्रतीक बन गए हैं। टेस्ला हमें यह सीख देते हैं कि जिज्ञासा, निरंतर खोज और कुछ अलग करने की हिम्मत ही हमें महान बनाती है।
निकोला टेस्ला: विवादों से परे, एक मानवीय कहानी
निकोला टेस्ला को अक्सर एक अलौकिक प्रतिभा और रहस्यमय वैज्ञानिक के रूप में चित्रित किया जाता है। उनकी कहानी विद्युत के चमत्कारों और विवादास्पद दावों से भरपूर है। लेकिन टेस्ला सिर्फ एक वैज्ञानिक ही नहीं थे, बल्कि एक जटिल और मानवीय व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति भी थे। आइए उनकी कहानी के उन पहलुओं पर गौर करें जिन्हें हमने अभी तक नहीं जाना:
प्रारंभिक संघर्ष और दृढ़ निश्चय: टेस्ला का बचपन आर्थिक कठिनाइयों से भरा रहा। शिक्षा के दौरान भी उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा। लेकिन उनके वैज्ञानिक जिज्ञासा और दृढ़ निश्चय ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। यही जुनून उन्हें अमेरिका ले गया, जहां उन्होंने अपने सपनों को साकार करने का प्रयास किया।
एडिसन के साथ तनावपूर्ण संबंध: थॉमस एडिसन के साथ काम करना टेस्ला के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। दोनों प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे, लेकिन उनके विचारों में भारी मतभेद था। एसी करंट को लेकर हुए विवाद ने उनके रास्ते अलग कर दिए। हालांकि, इस प्रतिस्पर्धा ने दोनों वैज्ञानिकों को और अधिक नई खोज करने के लिए प्रेरित किया।
आर्थिक परेशानियां: टेस्ला एक महान आविष्कारक थे, लेकिन एक सफल व्यापारी नहीं। उनके कई अविष्कारों का व्यावसायिकरण नहीं हो सका, जिससे उन्हें वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा। जीवन भर उन्हें आर्थिक अस्थिरता से जूझना पड़ा।
अकेलेपन का बोझ: टेस्ला एक अकेलेपन से ग्रस्त व्यक्ति थे। उनके जुनून और अनोखे विचारों को समाज आसानी से नहीं समझ पाता था। वह अपने काम में इतने डूबे रहते थे कि उनके पास निजी संबंध बनाने का समय नहीं था।
मानसिक स्वास्थ्य: टेस्ला को जुनूनी-बाध्यकारी विकार (Obsessive-compulsive disorder - OCD) के लक्षणों का सामना करना पड़ता था। साथ ही उन्हें दृश्य भ्रम (visual hallucinations) भी होते थे। हालांकि, उन्होंने इन चुनौतियों से जूझते हुए भी अविष्कार करना जारी रखा।
निकोला टेस्ला की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि प्रतिभा हमेशा चमकती हुई रोशनी नहीं होती है। इसके पीछे कड़ी मेहनत, निराशाएं, और मानवीय संघर्ष भी होते हैं। टेस्ला की विरासत हमें यह सीख देती है कि सफलता के लिए सिर्फ प्रतिभा ही काफी नहीं है, बल्कि दृढ़ निश्चय, लचीलापन और मानवीय संबंधों को भी बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
निकोला टेस्ला के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: निकोला टेस्ला किन चीजों के लिए जाने जाते हैं?
उत्तर: निकोला टेस्ला को एसी करंट, वायरलेस तकनीक के शुरुआती रूप, नियॉन रोशनी, रिमोट कंट्रोल और टेस्ला कॉयल जैसे अविष्कारों के लिए जाना जाता है। उन्हें बिजली के क्षेत्र में एक अग्रणी वैज्ञानिक माना जाता है।
प्रश्न 2: निकोला टेस्ला और थॉमस एडिसन के बीच क्या विवाद था?
उत्तर: टेस्ला और एडिसन दोनों प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे, लेकिन बिजली के ट्रांसमिशन को लेकर उनके विचार अलग थे। एडिसन डीसी करंट को बढ़ावा दे रहे थे, जबकि टेस्ला का मानना था कि एसी करंट लंबी दूरी तक बिजली पहुंचाने के लिए अधिक उपयुक्त है। यही विवाद उनके बीच दूरियां बढ़ाने का कारण बना।
प्रश्न 3: क्या निकोला टेस्ला को उनके जीवनकाल में उतना सम्मान मिला जितना मिलना चाहिए था?
उत्तर: नहीं, टेस्ला को उनके जीवनकाल में उतना सम्मान नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। कई अविष्कारों का श्रेय दूसरों को चला गया और उन्हें वित्तीय परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। हालांकि, बाद के वर्षों में उन्हें विद्युत क्षेत्र में एक क्रांतिकारी वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया गया।
प्रश्न 4: निकोला टेस्ला के कुछ अनसुलझे रहस्य या विवादास्पद दावे कौन से हैं?
उत्तर: टेस्ला के कुछ विवादास्पद दावों में "निर्विकिरण किरणें" और "वर्धन धरती" जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। साथ ही, उनके कोलोराडो स्प्रिंग्स प्रयोगों के निष्कर्षों को लेकर भी कई सवाल खड़े होते हैं। हालांकि, ये विवाद उनकी प्रतिभा और दूरदृष्टि को कम नहीं करते।
प्रश्न 5: निकोला टेस्ला की विरासत आज के समय में कैसे प्रासंगिक है?
उत्तर: टेस्ला के अविष्कारों ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। एसी करंट, वायरलेस तकनीक आदि उनके आविष्कार आज भी हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। साथ ही, उनकी दूरदृष्टि भविष्य की तकनीकों को प्रेरित करती है।
प्रश्न 6: क्या निकोला टेस्ला वास्तव में बिजली से चलने वाली नाव बना सकते थे?
उत्तर: हां! 1898 में टेस्ला ने "टेलीऑटोमेटन" नामक एक रिमोट कंट्रोल बोट का प्रदर्शन किया। यह दुनिया की पहली वायरलेस नियंत्रित नाव थी जिसे रेडियो तरंगों के जरिए चलाया जा सकता था। इस आविष्कार ने भविष्य के रिमोट कंट्रोल तकनीक की नींव रखी।
प्रश्न 7: क्या टेस्ला को एलियंस (Aliens) पर विश्वास था?
उत्तर: टेस्ला ने कभी स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि उन्हें एलियंस पर विश्वास है। हालांकि, उन्होंने दावा किया था कि ब्रह्मांड से उन्हें संकेत प्राप्त हुए हैं। उनकी कुछ परियोजनाओं, जैसे "वर्धन धरती," को कुछ लोग एलियंस के साथ संचार से जोड़कर देखते हैं। लेकिन इन दावों के लिए कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है।
प्रश्न 8: टेस्ला कॉयल का उपयोग आज किस लिए किया जाता है?
वर्तमान में टेस्ला कॉयल का व्यावहारिक उपयोग कम है। इसका उपयोग मुख्य रूप से विज्ञान प्रदर्शनों और मनोरंजन के क्षेत्र में किया जाता है। हालांकि, टेस्ला कॉयल के सिद्धांतों का उपयोग वायरलेस चार्जिंग तकनीक के विकास में किया जा रहा है।
प्रश्न 9: निकोला टेस्ला की कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए?
उत्तर: दुर्भाग्य से, निकोला टेस्ला ने खुद कोई किताब नहीं लिखी। उनके बारे में जानने के लिए आप उनकी जीवनी या शोधपत्र पढ़ सकते हैं. कुछ सुझाव हैं:
- मार्क सीफर द्वारा लिखित निकोला टेस्ला
- मार्गरेट चेनी द्वारा लिखित टेस्ला: मैन आउट ऑफ टाइम
- थॉमस कॉमर्सफोर्ड मार्टिन द्वारा संपादित निकोला टेस्ला के आविष्कार, शोध और लेखन
प्रश्न 10: क्या निकोला टेस्ला के नाम पर कोई कंपनी या संस्था है?
उत्तर: हां, टेस्ला के सम्मान में कई कंपनियों और संस्थानों के नाम रखे गए हैं। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla, Inc.) और अंतरिक्ष यान बनाने वाली कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के संस्थापक एलोन मस्क ने टेस्ला के सम्मान में ही अपनी कंपनियों के नाम रखे हैं।
प्रश्न 11: क्या निकोला टेस्ला की कोई खास याद रखने की आदतें थीं?
उत्तर: जी हां, टेस्ला काफी जुनूनी-बाध्यकारी स्वभाव के थे। उन्हें समरूपता (Symmetry) का बहुत शौक था और वह अक्सर चीजों को तीन या सात के गुणकों में व्यवस्थित रखते थे। साथ ही, उन्हें यह भी आदत थी कि वह रात को ही काम करते थे और कभी-कभी तो लगातार 80 घंटे तक भी काम कर लेते थे।
प्रश्न 12: क्या निकोला टेस्ला कभी प्यार में पड़े?
उत्तर: यह स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है कि टेस्ला कभी प्यार में पड़े थे या नहीं। उनके काम और अकेलेपन को प्राथमिकता देने के कारण उनके किसी रोमांटिक रिश्ते का कोई प्रमाण नहीं मिलता है। हालांकि, कुछ जीवनीकारों का मानना है कि वह अपनी सहयोगी कैथरीन जॉनसन (Katherine Johnson) के प्रति आकर्षित थे।
प्रश्न 13: क्या निकोला टेस्ला को कभी नोबेल पुरस्कार मिला?
उत्तर: नहीं, निकोला टेस्ला को कभी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। 1901 में भौतिकी का पहला नोबेल पुरस्कार गुलियेल्मो मार्कोनी (Guglielmo Marconi) और टेस्ला के गुरु एडविन हॉल (Edwin Hall) को संयुक्त रूप से दिया गया था। माना जाता है कि टेस्ला को उनके और मार्कोनी के बीच रेडियो के आविष्कार को लेकर हुए विवाद के कारण नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया।
प्रश्न 14: टेस्ला के किन अविष्कारों को कभी व्यावसायिक सफलता नहीं मिली?
उत्तर: टेस्ला के कई अविष्कार व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो सके। उदाहरण के लिए, उनकी "वर्धन धरती" परियोजना को वित्तीय सहायता न मिलने के कारण पूरा नहीं किया जा सका। साथ ही, उन्होंने "निःशुल्क ऊर्जा" (Free Energy) का एक उपकरण बनाने की कोशिश की, लेकिन यह भी व्यावहारिक रूप नहीं ले सका।
प्रश्न 15: क्या निकोला टेस्ला की कोई भविष्यवाणी सच हुई है?
उत्तर: टेस्ला को उनकी दूरदृष्टि के लिए भी जाना जाता है। उनकी कुछ भविष्यवाणियां आज सच साबित हो चुकी हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने वायरलेस संचार, रिमोट कंट्रोल तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास की भविष्यवाणी की थी।
प्रश्न 16: क्या निकोला टेस्ला सर्बियाई थे?
उत्तर: जी हां, निकोला टेस्ला का जन्म 10 जुलाई 1856 को ऑस्ट्रियाई साम्राज्य (आज का स्लोवाकिया) के स्मिलजान नामक स्थान में हुआ था, जो उस समय सर्बिया का हिस्सा था। हालांकि, बाद में उनका राष्ट्र सर्बिया बना।
प्रश्न 17: निकोला टेस्ला अमेरिका कब गए?
उत्तर: निकोला टेस्ला 1884 में अमेरिका गए। वह थॉमस एडिसन के साथ काम करने की इच्छा लेकर न्यूयॉर्क पहुंचे।
प्रश्न 18: निकोला टेस्ला की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: निकोला टेस्ला का निधन 7 जनवरी 1943 को न्यूयॉर्क शहर में 86 वर्ष की आयु में हुआ था। मृत्यु का कारण कोरोनरी थ्रोम्बोसिस (Coronary Thrombosis) बताया जाता है।
प्रश्न 19: क्या निकोला टेस्ला के कोई रिश्तेदार जीवित हैं?
उत्तर: दुर्भाग्य से, निकोला टेस्ला के कोई ज्ञात जीवित रिश्तेदार नहीं हैं। उनके कोई बच्चे नहीं थे और उनके भाई-बहनों की वंशावली का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 20: निकोला टेस्ला की प्रयोगशाला कहाँ स्थित थी?
उत्तर: टेस्ला के जीवनकाल में उनकी कई प्रयोगशालाएँ रहीं। न्यूयॉर्क में उन्होंने दो प्रयोगशालाएँ स्थापित कीं। बाद में कोलोराडो स्प्रिंग्स में उन्होंने एक और प्रयोगशाला बनाई जहाँ उन्होंने उच्च-वोल्टेज बिजली के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए।