छोटे कदम, बड़ी उड़ान! आशा की किरण जगाने वाली मोहिनी के जुनून की कहानी Hindi Short Story of Mohini

मोहिनी शिक्षिका बनने का सपना देखती है, लेकिन परंपराओं के बंधन उसे रोकते हैं। जानिए मोहिनी के छोटे कदम किस तरह गाँव की लड़कियों के भविष्य को रोशन करते हैं।

छोटे कदम, बड़ी उड़ान! आशा की किरण जगाने वाली मोहिनी के जुनून की कहानी Hindi Short Story of Mohini

मोहिनी के जुनून की कहानी (A Short Story)

मोहिनी एक छोटे से गाँव की रहने वाली थी। वह पढ़ना-लिखना सीखना चाहती थी, लेकिन गाँव में लड़कियों को पढ़ाने की परंपरा नहीं थी। मोहिनी का सपना शिक्षिका बनना था और गाँव की अन्य लड़कियों को शिक्षा की रौशनी दिखाना था।

हालांकि, मोहिनी ने हार नहीं मानी। उसने सुबह जल्दी उठकर खेतों में काम करती और शाम को चुपके से गाँव के बाहर बूढ़े शिक्षक के पास पढ़ने चली जाती। शिक्षक मोहिनी के जुनून से प्रभावित हुए और उसे निःशुल्क पढ़ाते।

मोहिनी रात को दीपक की रोशनी में पढ़ाई करती। कभी-कभी अंधेरा हो जाता, तो वह तारों की रोशनी में पढ़ती रहती। उसकी मेहनत रंग लाई और कुछ ही सालों में वह अच्छी तरह पढ़-लिखना सीख गई।

जब मोहिनी 18 साल की हुई, तो उसने गाँव के मुखिया से लड़कियों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति मांगी। मुखिया पहले तो राजी नहीं हुए, लेकिन मोहिनी ने उन्हें गाँव की शिक्षा की दशा के बारे में बताया और लड़कियों को शिक्षित करने के महत्व को समझाया।

आखिरकार, मुखिया मान गए और गाँव में पहला स्कूल खुला। मोहिनी उस स्कूल की पहली शिक्षिका बनी। गाँव की लड़कियों को स्कूल आते देख मोहिनी की आँखों में खुशी के आँसू आ गए।

मोहिनी की छोटी सी कोशिश ने गाँव में शिक्षा की क्रांति ला दी। उसने साबित कर दिया कि हौसला और मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे रास्ते में कितनी भी चुनौतियाँ क्यों न हों।

नैतिक शिक्षा:

  • हार न मानें, अपने सपनों के लिए लड़ें।
  • छोटे-छोटे कदम भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
  • शिक्षा हर किसी का अधिकार है।

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