ईंट का जवाब पत्थर से देना: मुहावरे पर आधारित 5 कहानियाँ
"ईंट का जवाब पत्थर से देना" एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो किसी के आक्रमण या अपमान का और भी ज़ोरदार और प्रभावी तरीके से जवाब देने की बात करता है।

कहानियाँ Last Update Fri, 20 December 2024, Author Profile Share via
ईंट का जवाब पत्थर से देना मुहावरे का अर्थ
यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति किसी के आक्रमण, अपमान, या चुनौती का और भी ज़ोरदार और प्रभावी तरीके से जवाब देता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां प्रतिक्रिया आक्रमण से भी तेज होती है।
कुछ उदाहरण:
वाद-विवाद में: जब विपक्षी दल ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, तो सरकार ने पुख्ता सबूतों के साथ ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
खेल में: जब विरोधी टीम ने हमारे खिलाड़ी को गाली दी, तो हमारे कप्तान ने शानदार प्रदर्शन करके ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
व्यक्तिगत जीवन में: जब मेरे दोस्त ने मेरा मज़ाक उड़ाया, तो मैंने उसकी मदद करके ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
मुहावरे की उत्पत्ति
इस मुहावरे की उत्पत्ति संभवतः युद्ध और संघर्ष के समय से हुई है। प्राचीन काल में जब लोग एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंक कर लड़ते थे, तो ईंट का जवाब पत्थर से देना एक प्रभावी रणनीति होती थी। यह दुश्मन को उसकी ही भाषा में जवाब देने का एक तरीका था।
मुहावरे का उपयोग
यह मुहावरा अक्सर तब उपयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी के आक्रमण या अपमान का मज़बूत और प्रभावी तरीके से जवाब देता है। यह एक सकारात्मक अर्थ में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे किसी की मदद करके या उसके अच्छे कामों की प्रशंसा करके उसे उसका जवाब देना।
यहां "ईंट का जवाब पत्थर से देना" मुहावरे पर आधारित 5 कहानियाँ हैं:
1. खेल के मैदान पर
राजीव स्कूल की क्रिकेट टीम का कप्तान था। एक मैच के दौरान विरोधी टीम के एक खिलाड़ी ने उसे चिढ़ाते हुए कहा, "तुम तो बल्लेबाजी भी ठीक से नहीं कर सकते!" राजीव ने गुस्से में आकर कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि अगली ही गेंद पर एक ज़ोरदार छक्का जड़ दिया। स्टेडियम तालियों से गूंज उठा, और राजीव ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया था।
2. व्यापार की दुनिया में
अनीता ने अपनी मेहनत से एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। एक प्रतिद्वंदी कंपनी ने उसके उत्पादों की नकल करना शुरू कर दिया। अनीता ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि अपने उत्पादों में और सुधार करके उन्हें बाज़ार में उतारा। उसकी बिक्री बढ़ गई और प्रतिद्वंदी कंपनी को मुँह की खानी पड़ी। अनीता ने ईंट का जवाब पत्थर से देकर अपनी काबिलियत साबित की।
3. दोस्ती के रिश्ते में
रीमा और सीमा बचपन की सहेलियाँ थीं। एक बार सीमा ने रीमा के कपड़ों का मज़ाक उड़ाया। रीमा को बुरा लगा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। कुछ दिनों बाद सीमा को एक प्रोजेक्ट में मदद की ज़रूरत थी। रीमा ने बिना किसी हिचकिचाहट के उसकी मदद की। सीमा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने रीमा से माफ़ी मांगी। रीमा ने ईंट का जवाब पत्थर से देकर सच्ची दोस्ती का परिचय दिया।
4. नौकरी के दौरान
रोहित एक कंपनी में काम करता था। उसके बॉस अक्सर उस पर चिल्लाते थे और उसका अपमान करते थे। रोहित ने चुपचाप सब कुछ सहन किया, लेकिन एक दिन उसने अपने बॉस को उनकी गलतियों का आईना दिखा दिया। उसने बताया कि कैसे बॉस का व्यवहार कंपनी के माहौल को खराब कर रहा है। बॉस को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने रोहित से माफ़ी मांगी। रोहित ने ईंट का जवाब पत्थर से देकर अपना आत्मसम्मान बरकरार रखा।
5. सामाजिक मुद्दों पर
एक गाँव में कुछ लोग एक दलित परिवार को परेशान करते थे। वे उन्हें गाँव से बाहर निकालना चाहते थे। गाँव के एक शिक्षित युवक ने इन लोगों का विरोध किया। उसने उन्हें संविधान और मानवाधिकारों के बारे में बताया। गाँव वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने दलित परिवार से माफ़ी मांगी। उस युवक ने ईंट का जवाब पत्थर से देकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी।
ये कहानियाँ दिखाती हैं कि "ईंट का जवाब पत्थर से देना" का मतलब सिर्फ हिंसा या बदला लेना नहीं है। इसका मतलब है कि हमें अपने आत्मसम्मान की रक्षा करनी चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर मज़बूती से, लेकिन शालीनता से जवाब देना चाहिए।