लोमड़ी और कौआ की कहानी: Fox and Crow Inspiring Short Story in Hindi

Short Story in Hindi: हम सभी बचपन में लोमड़ी और कौआ की कहानी सुनते हुए बड़े हुए हैं। यह एक सरल सी कहानी है, लेकिन इसमें छिपा है प्रेरणा का एक बड़ा पाठ। आइए, आज इस कहानी को फिर से याद करें और देखें कि यह हमें जीवन में क्या सिखाती है।

लोमड़ी और कौआ की कहानी: Fox and Crow Ins...

लोमड़ी और कौआ की कहानी

एक हरे-भरे जंगल में एक चालाक लोमड़ी और एक भोला-भाला कौआ रहते थे। एक दिन, कौआ किसी के घर से रोटी का एक बड़ा टुकड़ा चुरा लाया और उसे खाने के लिए एक ऊंचे पेड़ पर बैठ गया।

लोमड़ी की नज़र पेड़ पर बैठे कौए पर पड़ी और उसके मुंह में लगे रोटी के टुकड़े को देखकर उसके मुंह में पानी आ गया। वह सोचने लगी कि कैसे इस रोटी को हासिल किया जाए।

लोमड़ी बहुत चालाक थी। वह पेड़ के नीचे आकर मीठी-मीठी बातें करने लगी। "अरे वाह, कौए भाई! क्या खूबसूरत काले चमकदार पंख हैं तुम्हारे! और आवाज़ तो मानो कोयल की हो! मैंने सुना है कि तुम बहुत सुरीला गाते हो। क्या आज मेरे लिए भी एक गाना गाओगे?"

कौआ लोमड़ी की चापलूसी से फूल उठा। उसे लगा कि उसकी आवाज़ वाकई में बहुत सुरीली है। वह इतना खुश हुआ कि उसने गाने के लिए अपना मुंह खोल दिया, "कांव-कांव!"

जैसे ही कौए ने मुंह खोला, रोटी का टुकड़ा उसकी चोंच से छूटकर नीचे गिर गया। लोमड़ी ने फुर्ती से रोटी उठा ली और मुंह में दबाकर बोली, "धन्यवाद मूर्ख कौआ! तुम्हारी आवाज़ तो वाकई बहुत सुरीली है, लेकिन तुम्हारी बुद्धि कुछ कमज़ोर है! अब मैं इस रोटी का मज़ा लूंगी!"

कौआ अपनी मूर्खता पर बहुत पछताया, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। लोमड़ी अपनी चालाकी पर इतराती हुई जंगल में दूर चली गई।

सीख (Moral)

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमें चापलूसी और झूठी प्रशंसा के जाल में नहीं फंसना चाहिए। हमें अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए और लालच में आकर गलत फैसले नहीं लेने चाहिए। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और दूसरों के इरादों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

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