खून का प्यासा होना: मुहावरे पर आधारित कहानियाँ! Khoon Ka Pyasa लघु कथाएँ
खून का प्यासा होना: इस लेख में 'खून का प्यासा होना' मुहावरे पर आधारित कहानियाँ हैं जो प्रतिशोध और नफरत की भावना को दर्शाती हैं। ये कहानियाँ मानव स्वभाव के अंधकारमय पहलू को उजागर करती हैं।

कहानियाँ Last Update Thu, 13 February 2025, Author Profile Share via
इन कहानियों में हर पात्र की मनोदशा में बदले की भावना दिखाई देती है, जो "खून का प्यासा होना" के सही अर्थ को दर्शाती है।
1. विनोद का बदला
विनोद और उसके भाई के साथ धोखा हुआ था। पड़ोसी ने संपत्ति के झगड़े में उसे अपमानित किया और उसके दिल में बदले की आग जल उठी। समय बीतने के बाद भी, विनोद का गुस्सा कम नहीं हुआ। वह हर वक्त अपने पड़ोसी का खून का प्यासा बन गया था। उसकी आंखों में सिर्फ प्रतिशोध की लालसा थी।
2. अर्पित और शत्रु
अर्पित और उसके दोस्त कॉलेज के दिनों में अच्छे मित्र थे, लेकिन एक गलतफहमी ने अर्पित को अपने सबसे करीबी दोस्त से अलग कर दिया। दोस्त ने अर्पित को बेइज्जत किया और तब से अर्पित का मन बदले की भावना से भर गया। वह अपने दोस्त का खून का प्यासा हो गया था और मौका मिलते ही उसे सबक सिखाना चाहता था।
3. राजनीति का खेल
रामलाल, एक गांव का नेता, अपने प्रतिद्वंदी श्यामलाल के खिलाफ चुनाव हार गया। हारने के बाद भी, रामलाल के मन में बदले की भावना ठंडी नहीं पड़ी। वह श्यामलाल को हर मौके पर नीचा दिखाने की कोशिश करता था। रामलाल का मन अब सिर्फ खून का प्यासा हो गया था और वह श्यामलाल को नुकसान पहुंचाने का हर तरीका ढूंढ रहा था।
4. परिवार की दुश्मनी
सिंह और चौधरी परिवार के बीच पीढ़ियों से दुश्मनी चल रही थी। हर झगड़े में एक नई रंजिश जुड़ जाती थी। सिंह परिवार का हर सदस्य चौधरी परिवार का खून का प्यासा बन गया था। हर पीढ़ी इस आग को बुझाने के बजाय और भड़काती थी।
5. अदालत का फैसला
एक व्यवसायिक झगड़े में अदालत ने अजय के खिलाफ फैसला सुनाया, जिससे उसका बिजनेस डूब गया। वह अपने प्रतिद्वंदी का खून का प्यासा हो गया। अदालत के बाहर वह केवल एक ही बात सोचता – कैसे उसका सब कुछ छीनने वाले से बदला लिया जाए।
6. दोस्ती का अंत
राहुल और विकास बचपन से दोस्त थे, लेकिन एक बार विकास ने राहुल को धोखा दिया। राहुल का विश्वास टूट गया और उसकी दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। अब राहुल हर वक्त विकास का खून का प्यासा हो गया था। हर दिन उसके मन में केवल बदला लेने की भावना भरी रहती थी।
7. व्यापार की लड़ाई
दो व्यापारी, मोहन और सुरेश, एक ही बाजार में दुकान चलाते थे। एक बार मोहन ने सुरेश को बड़े नुकसान में डाल दिया। सुरेश तब से मोहन का खून का प्यासा हो गया था। वह हर दिन मोहन की दुकान बंद करने का सपना देखता था।
8. भूमि विवाद
रामू और श्यामू का गांव में जमीन का झगड़ा चल रहा था। इस विवाद में श्यामू ने रामू को अपमानित कर दिया और तब से रामू खून का प्यासा हो गया। वह हर रात बदला लेने के विचारों में डूबा रहता था।
9. सत्ता का संघर्ष
राजू और वीरू एक ही कंपनी में थे, लेकिन प्रमोशन की दौड़ में वीरू ने राजू को धोखा दिया। राजू की मेहनत का फल वीरू ने चुरा लिया। राजू अब केवल वीरू का खून का प्यासा था, उसे नीचे गिराने के लिए हर योजना बनाता रहता था।
10. महिला की प्रताड़ना
गांव की महिला सविता, जो हमेशा शांति की समर्थक थी, अपने पति के हत्यारों को कभी माफ नहीं कर पाई। वह दिन-रात उनके खून की प्यासी हो गई थी और अपने पति के हत्यारों से बदला लेने का हर तरीका सोचती रहती थी।
11. धोखेबाजी का नतीजा
सुनील को उसके व्यापारिक पार्टनर ने धोखा दिया और सारी संपत्ति हथिया ली। सुनील अब उसका खून का प्यासा हो गया था। वह दिन-रात बदला लेने के उपाय सोचता था।
12. बेरहम दुश्मनी
रघु और रमेश के बीच एक साधारण सा झगड़ा शुरू हुआ, लेकिन धीरे-धीरे यह दुश्मनी में बदल गया। अब रघु रमेश का खून का प्यासा हो गया था। वह हर बार रमेश को नीचा दिखाने की कोशिश में जुटा रहता।
13. स्कूल का बदला
स्कूल में हुए एक झगड़े में राकेश का एक दोस्त उसके खिलाफ हो गया। उसने झूठ बोलकर राकेश को बड़ी सजा दिलवा दी। राकेश अब उसका खून का प्यासा हो गया था और मौका मिलते ही उसे जवाब देना चाहता था।
14. प्रतिशोध की आग
सोनू का दोस्त उसे काम के नाम पर धोखा देकर खुद सारी प्रसिद्धि ले गया। इस घटना के बाद, सोनू का मन उससे बदला लेने की भावना से भर गया। वह अब हर वक्त उसका खून का प्यासा बना रहता था।
15. सपनों की चोरी
अंकुर का सपना था कि वह अपने कॉलेज के टॉप पर पहुंचे, लेकिन उसके दोस्त ने उसकी मेहनत का श्रेय ले लिया। अंकुर की आंखों में सिर्फ बदले की आग जल रही थी। वह अपने दोस्त का खून का प्यासा हो गया और उसे सबक सिखाने की योजना बनाने लगा।